ओडिशा पर बना गहरा दबाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और अब दबाव(डिप्रेशन) के रूप में उत्तरी छत्तीसगढ़ पर स्थित है। यह मौसम प्रणाली आगे भी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ेगी। इसके बाद धीरे-धीरे कमजोर होकर अच्छी तरह से बने निम्न दबाव क्षेत्र में बदल जाएगी।
बारिश का पूर्वानुमान: यह निम्न दबाव क्षेत्र धीरे-धीरे मध्य प्रदेश और आस-पास के उत्तर प्रदेश के इलाकों में कल(11 सिंतबर) तक पहुंच जाएगा। यह मौसम प्रणाली इस क्षेत्र में सप्ताहांत तक रुक-रुक कर बनी रहेगी। जिससे मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। बता दें, बारिश का ज्यादा असर मध्य प्रदेश में दिखाई देगा। वहीं, बारिश आंशिक तौर पर उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों मे भी कवर करेगी।
मौसम प्रणाली : मौसम प्रणाली उप-उष्णकटिबंधीय रिज(sub-tropical ridge) के बहुत करीब और दक्षिण में स्थित है। इस कारण से इस सिस्टम की पश्चिम की ओर गति सीमित हो रही है। जो इसे उत्तरी अक्षांशों की ओर धेकल रही हैं। मौजूदा मौसम पैटर्न के तहत, यह निम्न दबाव प्रणाली रिज को पार नहीं कर पाएगी और न ही मध्य प्रदेश से आगे बढ़ पाएगी। यह सिस्टम अगले 3-4 दिनों तक मध्य और पश्चिमी मध्य प्रदेश के आस-पास के इलाकों में स्थिर रहेगा।
मध्य प्रदेश में इस दिन तक बारिश: इस मौसम प्रणाली के स्थिर रहने के कारण मध्य प्रदेश में इस सप्ताह के बीच से लेकर आखि तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। अगले 48 घंटों में मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश होगी। इसके बाद यह प्रणाली धीरे-धीरे मध्य और पश्चिमी हिस्सों में बारिश करेगी। इस सप्ताह मध्य प्रदेश को संभावित बाढ़ के लिए सतर्क रहना होगा। बहुत भारी बारिश से जनजीवन और सतही संपर्क बाधित हो सकता है। वहीं, भारी बारिश से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है। यहां तक कि लगातार हो रही बारिश से खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे पैदावार की गुणवत्ता और मात्रा को नुकसान होगा।
इन जिलों में बारिश का अधिक खतरा: मध्य प्रदेश के जो इलाके बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, उनमें उमरिया, मंडला, पन्ना, जबलपुर, सागर, भोपाल, हरदा, विदिशा, खंडवा, देवास, होशंगाबाद, बैतूल, अशोकनगर, शिवपुरी और गुना शामिल हैं। गौरतलब है, मध्य प्रदेश में इस सीजन का सबसे लंबा बारिश का दौर देखने को मिलेगा, इसलिए स्थानीय लोगों को खऱाब मौसम के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।