उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ दिनों में कई खतरनाक मौसम स्थितियों का सामना किया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाकों( जो उत्तराखंड से सटे हैं) में भारी बारिश हुई है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। रामपुर, पीलीभीत और बरेली ने तीव्र बारिश के प्रकोप का सामना किया है। मैनपुरी में बिजली गिरने से कई कीमती जिंदगियां लील लीं। पूर्वी सीमा क्षेत्रों में लगातार तीव्र बारिश हो रही है। राप्ती नदी के उफान से गोरखपुर शहर को खतरा हो गया है।
भारी बारिश से बढ़ा खतरा: नेपाल के पहाड़ी राज्य में भारी बारिश होने के कारण यह खतरा बढ़ता जा रहा है, जहां कैचमेंट क्षेत्रों में भारी बारिश हो रही है। नेपाल की पहाड़ियों के नीचे उत्तर प्रदेश और बिहार की नदियां पानी की अधिकता के कारण खतरनाक हो गई हैं, जिससे तटबंधों में अतिक्रमण हो रहा है। बाढ़ का पानी निचले इलाकों में स्थित तटीय शहरों तक पहुंच गया है। स्थिति गंभीर और चिंताजनक है, जिससे जीवन और भौतिक संसाधनों को खतरा है।
यूपी में भारी बारिश का कारण: मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसक गया है। उत्तर प्रदेश की पहाड़ियों के करीब 3000 फीट ऊपर स्थित है। ऐसी स्थिति से इंडो-गंगेटिक मैदानों को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से को खतरा हो सकता है। जून में बारिश में बड़े घाटे का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश का पूर्वी बेल्ट अब अतिरिक्त बारिश की श्रेणी में आ गया है। यहां तक कि पश्चिमी भागों में भी सामान्य से अधिक मौसमी वर्षा हो रही है।
जल्द मिलेगी बारिश से राहत: हालांकि, यूपी को मानसून के प्रकोप से राहत मिलने वाली है। पहाड़ी क्षेत्र, जो अब तक जलमग्न थे। ऐसे क्षेत्रों को लंबे समय तक राहत मिलेगी। सामान्य मानसून गतिविधियाँ जारी रहेंगी, लेकिन बिजली गिरने, स्थानीय बाढ़, नदियों में पानी का बहाव, नदी तटबंधों के टूटने जैसी परेशानियाँ कम हो जाएंगी। राज्य को राहत और पुनर्वास कार्यों को अंजाम देने का समय मिलेगा।
ऐसी बन रही मौसम प्रणाली: बंगाल की खाड़ी (BoB) में जल्द ही एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। प्रणाली का एक प्रारंभिक संकेतक के रूप में एक चक्रवाती परिसंचरण बनेगा। जो राज्य के लिए रक्षक के रूप में कार्य करेगा। मानसून ट्रफ इंडो-गंगेटिक मैदानों के दक्षिण में खींचा जाएगा, जिससे मानसून गतिविधि केंद्र की तरफ शिफ्ट हो जाएगी।
अब इन राज्यों में बारिश: यूपी को अगले दो दिनों तक, विशेष रूप से कल 12 जूलाई को मानसून के बढ़ते प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद मानसून गतिविधि( बारिश, आँधी, तूफान, तेज हवाएं) का केंद्र देश के मध्य भागों में चला जाएगा। मानसून ट्रफ के दक्षिण की ओर खिसकने से ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सक्रिय मानसून क्षेत्र बन जाएगा।