उत्तराखंड में पिछले कुछ समय से भारी बारिश नहीं हुयी थी। ऐसा इसलिए हुआ क्यूंकि निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य प्रदेश में मौजूद था जिसके कारण मानसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की तरफ परिवर्तित हो गई थी।
हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान निम्न दबाव का छेत्र कमजोर होकर चक्रवाती हवाओं के छेत्र में तब्दील हो गया है जिससे मानसून की अक्षीय रेखा का एक सिरा उत्तर दिशा की ओर आगे बढ़ गया है। वास्तव में चक्रवाती हवाओं का छेत्र कमजोर होA गया है और मानसून ट्रफ के साथ इसका विलय हो गया है।
ट्रफ पहले ही उत्तराखंड के करीब, तलहटी में स्थानांतरित हो चुका है। इन हालात में, राज्य में भारी बारिश हो सकती है जैसा की पिछले 24 घंटों के दौरान देखने को भी मिला है। वास्तव में, इस दौरान पूरे राज्य में वर्षा देखी गई।
गुरुवार को सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान नैनीताल में 78.5 मिमी की ज़ोरदार बारिश हुई, जबकि मसूरी में 66.3 मिमी, देहरादून में 25.9 मिमी, हरिद्वार में 28 मिमी, जोशीमठ में 21.8 मिमी, मुक्तेश्वर में 19.2 मिमी वहीं पंतनगर में 45 मिमी वर्षा हुयी।
अब भी, अगले 24 से 48 घंटों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वास्तव में, राज्य के कुछ इलाकों में बारिश की वजह से बाढ़ की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा राज्य के कुछ हिस्सों में भूस्खलन और मिट्टी के कटाव का अंदेशा भी है। भारी बारिश की आशंका के चलते कम से कम अगले तीन दिनों तक उत्तराखंड के लोगों को सतर्क रहना चाहिए।