[Hindi] पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में देखने को मिल सकती है भारी बारिश

August 26, 2021 1:59 PM | Skymet Weather Team

पिछले 48 घंटों में पूर्वोत्तर भारत में बहुत भारी बारिश हुई है और 24 घंटों में कुछ स्थानों पर 3 अंकों की बारिश हुई है। सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में बारिश अधिक तीव्र हुई है। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान दार्जिलिंग में 111 मिमी, चीरापुंजी में 174 मिमी और पासीघाट में 77 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

मॉनसून की ट्रफ रेखा अब 'ब्रेक मानसून' की मौसम संबंधी स्थितियों के साथ पूरी तरह से तलहटी की ओर हो गई है। ऐसी स्थिति पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारी बारिश के लिए अनुकूल हो गयी है। सिक्किम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और ब्रह्मपुत्र के किसी भी तट पर स्थित स्थान में अत्यधिक भारी बारिश देखने को मिलती हैं। मेघालय का पहाड़ी इलाकों में बढ़ी हुई मौसम की गतिविधियों से शिलांग, चीरापुंजी, बारापानी, नोंगपोह और तुरा में भयंकर बारिश देखने को मिलती है जिससे भूस्खलन होता है जिससे संचार और संपर्क बाधित होता है।

अगले 72 घंटों में ब्रेक मानसून की स्थिति समाप्त होने की संभावना है और अधिकांश स्थानों पर बारिश की तीव्रता कम होकर मध्यम हो जाएगी। 27 अगस्त को बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने और उसके बाद के 24 घंटों में मजबूत होने की उम्मीद है। 28-29 अगस्त को ओडिशा तट पर बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह सिस्टम मॉनसून के पूर्वी छोर को दक्षिण की ओर खींचेगा, जिससे शुरुआत में उत्तर-पूर्वी भारत में ब्रेक मॉनसून समाप्त होगा। इसके बाद, पूरे मॉनसून की ट्रफ रेखा के साथ-साथ समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर खिसक सकती है। यह स्थिति 29 अगस्त से पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश को रोक देगी और इसके बाद कम से कम एक सप्ताह तक मौसम की गतिविधि हल्की रहेगी।

स्काइमेट के मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस मानसून के मौसम में पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की कमी है। 01 जून से 25 अगस्त के बीच प्रमुख रूप से, मणिपुर राज्य में 58% की कमी है, इसके बाद नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में क्रमशः 25% और 24% की कमी है। अन्य राज्यों में बारिश के आंकड़ों में 20% या उससे कम की कमी है। उम्मीद है कि, आने वाली बारिश कि गतिविधियां बारिश की कमी को घटने में मदद करेगा। हालांकि, बाद में कमजोर बारिश पूरे क्षेत्र में मौसमी कमी को फिर से बढ़ा सकती है।

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