लक्षद्वीप द्वीप समूह और अरब सागर के दक्षिण-पूर्व हिस्से पर एक सघन चक्रवाती परिसंचरण(compact cyclonic circulation) बना हुआ है। जानकारी के लिए बता दें, सघन चक्रवाती परिसंचरण एक मौसम संबंधी घटना है जिसमें हवा का एक चक्रवातीय घुमाव, जो आकार में छोटा होता है, लेकिन उसमें हवा तेजी से घूमती है। इसके प्रणाली के कल 22 मई को केरल के समुद्र तट के करीब आने की उम्मीद है। एक दिन बाद मौसम प्रणाली के केरल के दक्षिण में और आसपास के समुद्र के पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है। यह मौसम प्रणाली केरल और माहे के पास चक्कर काटती रहेगी, जिससे इन दोनों के क्षेत्रों के मौसम पर गहरा असर होगा। अगले 3-4 दिनों में केरल और लक्षद्वीप द्वीप समूह में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
केरल में भारी बारिश: दूसरी ओर तटीय तमिलनाडु और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर भी एक और चक्रवाती परिसंचरण है। इन दोनों प्रणालियों से जुड़ने वाली पूर्व-पश्चिम ट्रफ़ रेखा भी इस क्षेत्र में मौसम की गतिविधि को बढ़ा रही है। बंगाल की खाड़ी पर परिसंचरण(चक्रवात) कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल जाएगा और केरल तट पर हवा की धारा मजबूत करने के आसार हैं। इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से केरल के कई हिस्सों में अलग-अलग समय पर लगातार और भारी बारिश हो सकती है। जो इस सप्ताह के आखिर तक जारी रह सकती है।
केरल के इन क्षेत्रों में भारी बारिश: 21 और 22 मई को भारी से बहुत भारी बारिश लक्षद्वीप तक ही सीमित रह सकती है। वहीं, केरल के दक्षिणी हिस्सों में भी कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। पहले दो दिन, 21 और 22 मई को तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, अलाप्पुझा, वर्कला, कोल्लम में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। 23 और 24 मई को बारिश तेज होकर अन्य क्षेत्रों में फैल सकती है, बारिश समुद्र किनारे से काफी दूर के क्षेत्रों तक भी बढ़ सकती है। कोट्टायम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, इडुक्की, कोच्चि और तिरुवनंतपुरम में भारी बारिश और जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल हैं। बता दें, मध्यम बारिश के साथ मौसम प्रणाली का असर केरल में अगले 48 घंटों तक जारी रह सकता है। गौरतलब है, यही वह समय है जब केरल में मानसून शुरु होने का समय नजदीक आने लगता है।
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