पूर्वानुमान के अनुसार, पिछले 24 घंटों में दक्षिण तटीय तमिलनाडु में भारी बारिश हुई है। पंबन, जो एक प्रमुख मछली पकड़ने का बंदरगाह है। इस बंदरगाह पर इस सीजन की अब तक की सबसे भारी बारिश हुई है, जिसमें 280 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के शहर कराईकल में भी 90 मिमी भारी की बारिश हुई।अतिरामपट्टिनम और तूतिकोरिन जैसे स्थानों पर भी मध्यम बारिश दर्ज की गई। ये सभी तटीय क्षेत्र पिछले चार दिनों से लगातार भारी बारिश की चपेट में थे। हालांकि, अब मौसम की गतिविधियां कमजोर पड़ने की संभावना है और अगले तीन दिनों में केवल हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है।
इस कारण हो रही भारी बारिश: कोमोरिन क्षेत्र के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण और उत्तर-दक्षिण ट्रफ इस भारी बारिश का मुख्य कारण थे। यह परिसंचरण अब मालदीव और भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पश्चिम की ओर बढ़ेगा। साथ ही, इस सप्ताह बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में एक मजबूत मौसम प्रणाली बनने की संभावना है। इस समय दक्षिण अंडमान सागर पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जो अगले 3-4 दिनों में अधिक मजबूत होकर डिप्रेशन में बदल सकता है।
श्रीलंका और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों पर असर: यह मजबूत मौसम प्रणाली श्रीलंका और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव डालेगी। अगले 3-4 दिनों तक श्रीलंका और तमिलनाडु के तटीय इलाकों पर उत्तर-पूर्वी हवाएं तेज होने की संभावना है। हालांकि, इन हवाओं को आगे आने वाली मौसम प्रणाली के द्वारा संचालित किया जाएगा, इस दौरान मौसम की गतिविधियां कम हो जाएंगी।
25 नवंबर तक तूफान बनने की संभावना: 25 नवंबर 2024 तक यह मौसम प्रणाली एक तूफान के रूप में विकसित हो सकती है और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में अपनी स्थिति बना सकती है। इस स्थिति में तमिलनाडु का समुद्र तट एक बार फिर इस तूफान के प्रभाव क्षेत्र में आ जाएगा। अगले सप्ताह के पहले भाग में तमिलनाडु में एक बार फिर से भारी मौसम गतिविधियां शुरू हो सकती हैं, जिससे खराब मौसम की स्थिति बनने की संभावना है।
चक्रवात और क्षेत्रीय प्रभाव पर नजर: इस पूरे परिदृश्य की निगरानी और समीक्षा की जा रही है। अगर चक्रवात की स्थिति बनती है तो उसके तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों पर पड़ने वाले असर की जानकारी जल्द से जल्द साझा की जाएगी। साथ ही तटीय क्षेत्रों के लोगों को सावधान रहने और मौसम अपडेट पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।