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सप्ताहांत पर राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा में भारी बारिश

June 28, 2024 6:54 PM |

दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के पश्चिमी और मध्य भागों में आगे बढ़ चुका है। मानसून की धारा समय से पहले ही उत्तरी पहाड़ों पर छा गई है। सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों का बचा हुआ हिस्सा अगले 48 घंटों में कवर हो जाएगा। पश्चिमी राजस्थान को छोड़ दें तो बाकी बचे हिस्सों में भी 1 जुलाई तक मानसून पहुंच जाएगा। वायुमंडल में बदलाव के कारण अगले 3-4 दिनों में कई हिस्सों में भारी बारिश होगी।

30 जून का भारी बारिश: बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और ओडिशा के तटीय भागों पर चक्रवाती परिसंचरण अंदर की दिशा में आगे बढ़ेगा। अगले 24 घंटों में चक्रवाती परिसंचरण के छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्यप्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश में आने की संभावना है। वहीं, इस चक्रवाती परिसंचरण का राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में पहले से मौजूद परिसंचरण के साथ मिलने की संभावना है। दो धाराओं के मिलने से कल 29 जून को मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों और पूर्वोत्तर राजस्थान में भारी बारिश होगी। इसके बाद 30 जून को बारिश की तीव्रता और फैलाव बढ़ जाएगा। बारिश का विस्तार मध्य प्रदेश के उत्तरी और मध्य भागों, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा के निकटवर्ती हिस्सों तक हो जाएगा।

जलभराव के साथ कनेक्टिविटी होगी बाधित: ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, भिंड, मुरैना, दतिया, टीकमगढ़, अलवर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, अलीगढ़, मेरठ, ललितपुर, झाँसी, करनाल, अंबाला, रोहतक, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, बुलन्दशहर और दिल्ली/एनसीआर में भारी से बहुत भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। स्थानीय स्तर पर बाढ़ आने, निचले इलाकों में पानी भरने और मुख्य सड़कों पर जलभराव और जाम होने से कनेक्टिविटी बाधित हो सकती है। बारिश का रेल, सड़क और हवाई यातायात पर असर पड़ेगा। बारिश का बचा हुआ असर 01 जुलाई को भी जारी रहेगा। 2 जुलाई को स्थिति में सुधार होगा और राहत कार्यों को अंजाम दिया जा सकेगा। हालाँकि, थोड़ी राहत के बाद बारिश और बौछारों का एक और तेज़ दौर इन भागों को प्रभावित करेगा।






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