उत्तर प्रदेश और बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान व्यापक रूप से मध्यम से भारी बारिश हुई है। अगले 48 घंटों तक इसी तरह की या उससे भी अधिक बारिश की संभावना बनी हुई है। इस अवधि के दौरान बिहार के तराई इलाकों और पूर्वांचल क्षेत्र में भी भारी बारिश देखी गई। जहां फारबिसगंज में 310 मिमी, कटिहार में 172 मिमी, पूर्णिया में 148 मिमी, सुपौल में 115 मिमी, गाजीपुर में 90 मिमी, गोरखपुर में 75 मिमी मापी गई है। वहीं, अन्य स्थानों पर भी मध्यम बारिश दर्ज हुई है, जिससे बिहार और यूपी के अधिकांश हिस्से बारिश की चपेट में हैं।
निम्न दबाव का प्रभाव और मौसम की स्थिति: शेष निम्न दबाव क्षेत्र का चक्रवाती परिसंचरण अब दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में स्थित है। यह मौसम प्रणाली जल्द ही दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश की ओर शिफ्ट होगी। इसके साथ ही यह उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई इलाकों से होकर गुजरेगी। इस परिसंचरण के चलते मानसून ट्रफ का पूर्वी हिस्सा अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसक गया है, जो 3000 फीट की ऊंचाई पर और उससे ऊपर चल रहा है। यह मौसम प्रणाली अच्छी तरह से चिह्नित है और तराई इलाकों के पास चल रही है, जिससे यूपी-बिहार में बारिश बढ़ सकती है।
मौसम की कमी और नदियों में पानी का संकट: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश दोनों उपविभागों में अब तक मौसमी बारिश की भारी कमी दर्ज की गई है। बिहार में 28% की कमी है और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 17% बारिश कम हुई है। अगले 48 घंटों के दौरान इन राज्यों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी, जिसमें आज की बारिश कल से अधिक तीव्र होगी। चक्रवाती परिसंचरण बाद में कमजोर हो जाएगा, जिससे मौसम की गतिविधियों (बारिश) में कमी आएगी। फिर भी, कमजोर परिसंचरण के कारण अगले 3-4 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी।
इस तीव्र मौसम का नकारात्मक पहलू नदियों में बढ़ते पानी का संकट है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों और जलग्रहण क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश होगी। अतिरिक्त पानी नदियों और नालों के माध्यम से तराई क्षेत्रों में बहेगा। भारी बारिश रुकने के बाद भी पानी की मात्रा कुछ समय तक बढ़ती रहेगी। इस क्षेत्र में सुधार और राहत की शुरुआत अगले सप्ताह के मध्य से पहले संभव नहीं है।