उत्तर और पूर्वी भारत में अगले एक हफ्ते झमाझम बारिश, इन राज्यों में सक्रिय मानसून

August 12, 2024 6:16 PM | Skymet Weather Team

अगले एक सप्ताह में मानसून की गतिविधि काफी हद तक उत्तरी मैदानी इलाकों और पूर्वी राज्यों तक ही सीमित रहेगी। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, इंडो-गंगा के मैदानों, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में मौसमी बारिश सामान्य से कम रही है। आने वाली बारिश एक सप्ताह में इन सभी उप-विभाजनों के अधिकांश हिस्सों में बारिश की कमी को पूरा कर सकती है। इस दौरान मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप को छोड़कर तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।

कई राज्यों में सक्रिय मानसून: मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति के करीब बनी हुई है। सतह पर, यह गंगानगर, दिल्ली, ग्वालियर, सतना, डाल्टनगंज, दीघा और फिर पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी से होकर गुजर रही है। यह सक्रिय मानसून स्थितियों के लिए मुख्य ट्रिगर है। ट्रफ में दो चक्रवाती परिसंचरण समाहित हैं, जो बिना किसी अधिक उतार-चढ़ाव के मानसून ट्रफ को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पूर्वोत्तर राजस्थान पर एक चक्रवाती परिसंचरण, उत्तरी झारखंड और दक्षिणी बिहार पर एक चक्रवाती परिसंचरण लगातार बना हुआ है। इन परिसंचरणों के मानसून ट्रफ में समाहित होने की संभावना है। इसके बाद  और एक विस्तृत पूर्व-पश्चिम अक्ष अगले 5 दिनों तक राजस्थान से पश्चिम बंगाल तक चलेगा। इसके बाद राजस्थान से पश्चिम बंगाल तक एक लम्बवत पूर्व-पश्चिम धुरी बनेगी। जिससे इस सप्ताह के दौरान राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में मानसून सक्रिय रहेगा।

बारिश का वितरण और कमी की भरपाई: इन राज्यों के कई भागों में भारी बारिश और कुछ जगह गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। ये वे क्षेत्र हैं जहां मॉनसून की बारिश की सबसे अधिक आवश्यकता है ताकि पहले हुई मौसमी कमी को पूरा किया जा सके। जैसे पंजाब और बिहार में 40% और 22% की कमी दर्ज की गई है। जबकि बिहार में कमी की भरपाई हो सकती है। वहीं, पंजाब को इस अंतर को पूरा करने के लिए अभी और बारिश की आवश्यकता होगी।

मानसून गतिविधियों का पूर्वानुमान: इस सप्ताह के आखिर तक बारिश जारी रहने की संभावना है। इसके बाद, पूर्वोत्तर राजस्थान का परिसंचरण 17 अगस्त को पश्चिमी राजस्थान की तरफ शिफ्ट हो जाएगा औऱ बाद में सीमा पार कर जाएगा। अन्य परिसंचरण मानसून ट्रफ में विलीन हो जाएगा। वहीं, दूसरा परिसंचरण मानसून ट्रफ में विलीन हो जाएगा। जैसे ही यह स्थिति बनेगी, मानसून ट्रफ उत्तर की ओर पहाड़ियों के करीब शिफ्ट होने की प्रवृत्ति दिखाएगी। गौरलतब है, मौसम मॉडल की सटीकता लगभग 4-5 दिनों के बाद कम हो जाती है। इसलिए इस पूर्वानुमान को प्रमाणित करने के लिए या जरूरत पड़ने पर इसे फिर जांचने के लिए एक नई समीक्षा की जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आगे के दिनों में मौसम की स्थिति में कोई बदलाव आता है, तो उस पर नजर रखी जा सके और आवश्यकतानुसार पूर्वानुमान को अपडेट किया जा सके।

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