महाराष्ट्र के भूमि से घिर हुए उपमंडल विदर्भ में अगले 48 घंटों में भारी बारिश हो सकती है। अगले 24 घंटों में मानसूनी बारिश की तीव्रता ज्यादा होगी और कल 7 अगस्त को दिन के दूसरे हिस्से में कम हो जाएगी। इसके बाद मौसम की स्थिति में सुधार होगा और अगले एक सप्ताह तक मौसम काफी अच्छा रहेगा। आज मराठवाड़ा के पूर्वी हिस्से में मध्यम बारिश होगी और इसके बाद बारिश के प्रसार और तीव्रता में कमी आएगी।
महाराष्ट्र में सामान्य मानसून: इस मानसून के सीजन में महाराष्ट्र राज्य में अच्छी बारिश हुई है। वहीं, मानसून का आधा सीजन बीतने के बाद सभी तीन भूमि से घिरे उप-विभाजन में अत्यधिक वर्षा दर्ज की गई है। सबसे अधिक प्रभावित और सूखाग्रस्त इलाके मराठवाड़ा में 06 अगस्त 2024 तक 21% अधिक बारिश हुई है। बता दें, सबसे अच्छी स्थिति में मध्य महाराष्ट्र है, जहां 48% की भारी वर्षा हुई है। 01 जून से 06 अगस्त 2024 के बीच विदर्भ में 32% अधिक वर्षा हुई है। हालाँकि, इस अनुमानित अवधि के बाद, महाराष्ट्र के लगभग सभी हिस्सों में बारिश कम होने वाली है।
मौजूदा मौसम की स्थिति: वर्तमान में उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुई है। इस व्यापक चक्रवाती परिसंचरण के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में एक संगम क्षेत्र बन रहा है। पश्चिम और उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पश्चिमी हवाएँ इस विशेषता की घुमावदार हवाओं से मिल रही हैं, जिससे विदर्भ और मराठवाड़ा पर अभिसरण क्षेत्र बन रहा है। इसके प्रभाव से महाराष्ट्र के पूर्वी हिस्से विदर्भ और मराठवाड़ा में भारी बारिश होने की संभावना है।
बारिश की अवधि और तीव्रता: मौसम की अधिकांश गतिविधियाँ आज दिन के अंत में शुरू होगी, जिनके पूरी रात और कल 8 अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद है। महाराष्ट्र के पूर्वी उपमंडल के बड़े क्षेत्रों में बिजली गिरने और गरज के साथ तेज हवा और तीव्र बारिश होने की संभावना है। परिसंचरण के कमजोर होने और उसके बाद मानसून ट्रफ के साथ मिलने से पूरे क्षेत्र में मौसम की गतिविधि काफी हद तक कम हो जाएगी। विदर्भ में अभी भी कुछ छिटपुट बारिश हो सकती है, लेकिन मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में 10 अगस्त 2024 के बाद बहुत कम गतिविधि होगी।