मध्य प्रदेश के किसानों को जिस मानसून बारिश का बेसब्री से इंतजार था, उसने आखिरकार आगमन के संकेत दे दिए हैं। हालाँकि शुरुआत में देरी हुई, 17 जून तक हल्की और छिटपुट बारिश हुई थी। लेकिन, पिछले 24 घंटों में बारिश काफी तेज से बढ़ी है।
बारिश की कमी होगी पूरी: 18 जून तक बारिश की कमी चिंता का विषय बनी हुई थी। क्योंकि, पश्चिमी मध्य प्रदेश में 43% और पूर्वी भाग में 72% की भारी कमी है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि अगले दो दिनों में मध्य प्रदेश के पूर्वी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की होने की संभावना है।
इन जिलों में भारी बारिश: इस बहुप्रतीक्षित बारिश की शुरुआत मध्य प्रदेश के उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, दमोह, सागर, रायसेन, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट जिलों में सबसे पहले होने की उम्मीद है। इसके बाद बारिश की गतिविधि धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ेगी, फिर 21 और 22 जून को अशोक नगर, विदिशा, भोपाल, शाजापुर, राजगढ़, देवास, हरदा, सीहोर, बैतूल और खंडवा में मध्यम से भारी बारिश होगी।
किसानों को मिली राहत: यह बहुत जरूरी बारिश मध्य प्रदेश में मानसून के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने की उम्मीद है। "बारिश की खुशबू", जैसा कि किसान अक्सर इसका वर्णन करते हैं, मानसून को मध्य प्रदेश में और खींच लेगी। जिससे मौजूदा बारिश की कमी काफी हद तक कम हो जाएगी।
रबी फसलों की बुआई आसान: पूरे मध्य प्रदेश में किसान इस बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मानसून की यह सक्रियता निस्संदेह उनके उत्साह को बढ़ाएगी और जमीन को रबी फसल के लिए तैयार करेगी। क्योंकि, मिट्टी की नमी बढ़ने से फसलों की बुआई आसान हो जाती है। जिससे आने वाली महीनों में उत्पादक फसल सुनिश्चित होगी।