इस सप्ताह के दौरान केरल और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश होने की संभावना है। इस क्षेत्र में अगले सप्ताह की शुरुआत में बारिश की तीव्रता और प्रसार ज्यादा बढ़ सकता है। अगले पूरे सप्ताह इन दोनों राज्यों के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की आशंका है। लगातार और लंबे समय तक खराब मौसम की स्थिति सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती है।
केरल में मूसलाधार बारिश: प्री-मॉनसून प्रायद्वीपीय भारत ट्रफ रेखा तेलंगाना से लेकर कर्नाटक, रायलसीमा और तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों में केरल-कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है। यह विशेषता अपनी सामान्य स्थिति से थोड़ा पश्चिम की ओर बढ़ गई है। इसके अलावा, 19 मई 2024 को केरल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक पर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। यह प्रणाली एक भंवर के रूप में अच्छी तरह से चिह्नित हो जाएगी, आंशिक रूप से भूमि पर और बाकी समुद्र में। 19 से 25 मई के बीच उत्तर की ओर झुकाव के साथ भंवर इन भागों पर घूमने की संभावना है। दक्षिण केरल से लेकर तटीय कर्नाटक और कारवार तक पूरे समुद्र तट पर भारी मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में भारी बारिश: केरल के तट के पास और उससे दूर ज्यादातर स्थानों पर 16 और 18 मई 2024 के बीच मध्यम से भारी बारिश होगी। भंवर के प्रभाव में, 19 मई से बारिश भारी और हानिकारक हो जाएगी। ये प्री-मानसून बारिश भारी होगी और लगभग एक सप्ताह तक लगभग बिना रुके चलेगी। कई स्थानों पर बाढ़ और जलभराव होने का खतरा होगा। इनमें तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, कोच्चि, त्रिशूर, कोझिकोड, कोट्टायम, कासरगोड, कन्नूर और वायनाड शामिल हैं। भारी से बहुत भारी बारिश तट के साथ-साथ उत्तर की ओर आगे बढ़ेगी और मंगलुरु, उडुपी से लेकर कारवार के बाहरी इलाके तक पहुंचेगी।
सावधानी बरतने की जरूरत: बता दें, मानसून के आने से पहले प्री-मानसून बारिश मुसीबतें लाती है, नुकसानदायक बन जाती है। किसी भी आपदा को रोकने के लिए सावधानी बरतने और सभी एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है। सभी राहत एवं आपदा प्रबंधन एजेंसियों को बहुत ज्यादा सावधानी एवं सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।