पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 1 मार्च से 3 मई के बीच बारिश में 28% की कमी दर्ज की है। हालांकि, इस कमी में अब कुछ राहत मिलने वाली है। 6 मई से प्री-मानसून बारिश का दौर शुरू होने की उम्मीद है, जिससे पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत के कई राज्यों में अच्छी बारिश होगी।
इन राज्यों में बारिश की कमी: सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, झारखंड और बिहार जैसे कुछ राज्य "सामान्य बारिश" श्रेणी में हैं। वहीं मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य बारिश की कमी का सामना कर रहे हैं। मेघालय खासतौर पर बुरी तरह बारिश नहीं होने से प्रभावित हुआ है। मौजूदा समय में पूर्वोत्तर भारत में छिटपुट बारिश और तूफान कुछ राहत दे रहे हैं, लेकिन ये दैनिक औसत वर्षा को पूरा करने के लिए भरपूर नहीं हैं। हालाँकि, मौसम के मिजाज में बदलाव से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है।
कब, कहां और कैसी बारिश होगी:
पूर्वोत्तर भारत में (4-9 मई के बीच हल्की से मध्यम बारिश, गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं (40-50 किमी प्रति घंटे) चलने की उम्मीद है। 5 और 6 मई को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। सिक्किम में 5 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं।
बिजली के साथ बारिश: पूर्वी भारत बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा में 6 मई से 10 मई तक बारिश होगी। बिहार के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण, जो मणिपुर, पश्चिम बंगाल और ओडिशा की ओर फैली ट्रफ के साथ मिलकर, गरज के साथ बारिश लाएगा।गंगीय पश्चिम बंगाल में 7 और 8 मई को छिटपुट भारी वर्षा हो सकती है, जबकि 6 से 10 मई के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
राहत के साथ बिजली गिरने का खतरा: यह प्री-मानसून बारिश क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो सूखी भूमि को आवश्यक नमी देगी। हालाँकि, इस बारिश से जुड़े खतरों के बारे में जागरुक रहना जरूरी है। पूर्वी भारत, खासतौर पर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में प्री-मानसून सीजन के दौरान बिजली गिरने का खतरा रहता है। जो बहुत खतरनाक हो सकती है, क्योंकि बिजली गिरने से हर साल की लोगों की जान चली जाती है।
बरतें सावधानी: वहीं, आने वाली प्री-मानसून बारिश पिछले दिनों जो बारिश की कमी हुई है उसे पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाएगी। लेकिन, इससे स्थिति में सुधार जरूर होगा और क्षेत्रों को गर्मी और सूखे से राहत मिलेगी। वहीं, स्थानीय लोगों को मौसम के पूर्वानुमानों के बारे में अपडेट रहना, तूफान और बिजली गिरने के दौरान सुरक्षित रहने के साथ सावधानी बरतने की जरूरत होगी।