क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से भारत का सबसे बड़ा राज्य होने की वजह से राजस्थान को हिस्सों में बांटा जा सकता है, पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान। हालांकि सालाना बारिश के लिहाज से दोनों में काफी अंतर है। पश्चिमी राजस्थान की तुलना में पूर्वी राजस्थान में बारिश लगभग दुगनी होती है।
सितंबर की शुरुआत में राजस्थान के नितांत पश्चिमी इलाकों से मानसून की वापसी शुरू हो जाती है। जबकि, पूर्वी राजस्थान में इसकी वापसी सितंबर के मध्य से होती है।
इसलिए, पिछले तीन दिनों से पश्चिम राजस्थान में जरा भी बारिश नहीं हुयी है, क्योंकि आम तौर पर यहां शुष्क मौसम की स्थिति बनी हुयी है। इस बीच पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग जगहों पर हल्की वर्षा दर्ज की गयी है।
पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गयी। खास तौर से सवाई माधोपुर में तो 240 मिमी की मूसलाधार वर्षा रिकॉर्ड हुयी।
रविवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान कोटा में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद भरतपुर में 15 मिमी, जयपुर में 13 मिमी और बूंदी में 4 मिमी बारिश हुयी।
हालांकि, सवाई माधोपुर में हुयी रिकॉर्डतोड़ बारिश के चलते, वहां बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं और अन्य जगहों पर भी ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
दरसल हरियाणा और आस-पास के इलाकों में चक्रवाती हवाओं का छेत्र बना हुआ है और इसी के नजदीक मानसून की अक्षीय रेखा भी बनी हुयी है, इसीलिए हालिया दौर में वहां वर्षा दर्ज की गयी।
इसके अलावा, हम उम्मीद करते हैं कि अगले 48 घंटों तक ऐसी ही स्थितियाँ बनी रहेंगी। इसलिए, अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है। हालांकि 24 घंटों के बाद, धीरे-धीरे बारिश कम हो जाएगी।
अगले 18-24 घंटों के दौरान राजस्थान के अजमेर, अलवर, बरन, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चुरु, हनुमानगढ़, जयपुर, झलावार, झूंझनू, कोटा, सवाई माधोपुर, सीकर, टोंक और उदयपुर जिलों में अलग-अलग जगहों पर बारिश होगी और गरज के साथ छींटे पड़ेंगे, जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
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