पिछले 2-3 दिनों में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों में छिटपुट मौसमी गतिविधियाँ हुई है, जिस कारण इन भागों में भयंकर गर्मी कम हो गई है। हालाँकि, गर्मी से मिली यह राहत बहुत ही थोड़े समय के लिए है। क्योंकि बहुत ही जल्द ही आग बरसने वाली स्थितियाँ बनेंगी। इससे पहले भी पिछले सप्ताह के आखिरी दिनों में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ी थी।
बारिश ने दी गर्मी से राहत: पूर्वी सिंहभूम-झारखंड में रविवार(21 अप्रैल) को पारा 46 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। पश्चिम बंगाल के बांकुरा, मालदा, पानागढ़, मिदनापुर, पुरुलिया, ओडिशा में अंगुल, बोलांगीर, बारीपदा, टिटलागढ़, संबलपुर और कोरापुट में भीषण गर्मी पड़ी और तापमान 40 के पार पहुंच गया था। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। जिससे कुछ स्थानों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने से राहत मिली है।
ओडिशा, बंगाल में बढ़ेगा तापमान: उत्तरी मध्य महाराष्ट्र से लेकर कर्नाटक होते हुए केरल तक एक ट्रफ/हवा का विच्छेदन बना हुआ है। वहीं, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों पर एक अंतर्निहित चक्रवाती परिसंचरण(embedded cyclonic circulation) है। यह कमजोर प्रणाली अलग हो जाएगी और पूर्व की ओर बढ़ जाएगी। अगले 3-4 दिनों में बारिश और गरज के साथ बौछारें विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों को कवर करते हुए पूर्व की ओर बढ़ेंगी। लेकिन, उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल इस बार प्री-मानसून गतिविधि से बच जायेंगे। इसलिए अगले 3-4 दिनों में केंद्रीय राज्यों में तापमान कम हो सकता है। लेकिन, पूर्वी भागों में अभी भी तापमान बढ़ेगा, लेकिन सबसे ज्यादा ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तापमान बढ़ेगा।
मई में तापमान 45°C तक: मौसमी गतिविधियों का मौजूदा दौर 28 अप्रैल के बाद समाप्त हो जाएगा। भरपूर धूप के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के आंतरिक भागों में शुष्क गर्मी बढ़ेगी। अप्रैल के आखिरी दिनों और मई के पहले सप्ताह में कई स्थानों पर पारे का स्तर लगभग 45°C तक बढ़ सकता है। इन दोनों राज्यों के कुछ इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। मालदा, बांकुरा, कोलकाता, हावड़ा, मिदनापुर, बर्दवान, पानागढ़ और पुरुलिया में तापमान की सामान्य सीमा 5-7 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगी।
भयंकर लू का खतरा: टिटलागढ़, संबलपुर, मलकानगिरी, कोरापुट, बोलांगीर, अंगुल और क्योंझरगढ़ तक फैले ओडिशा के अंदरूनी इलाकों में भी ऐसी ही स्थिति होगी। भीषण गर्मी आगे बढ़कर कटक, भुवनेश्वर, बारीपदा, राउरकेला और रायगड़ा तक पहुंच सकती है। भीषण गर्मी का दौर इस बार लंबा चलने की संभावना है। दरअसल, देश के मैदानी इलाकों में पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक देश के अधिकांश हिस्से लू की चपेट में रहेंगे। यहां तक कि पश्चिमी तट के बड़े हिस्सों में लू की स्थिति का खतरा रहेगा।