गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं, जहां तापमान 40°C का आंकड़ा पार कर रहा है। मानसून की विदाई के बाद, यह क्षेत्र नियमित रूप से ‘दूसरी गर्मी’ का अनुभव करता है, जिसमें तापमान असहज रूप से 40°C तक बढ़ जाता है। अक्टूबर के दूसरे भाग में पश्चिमी राजस्थान, सौराष्ट्र और कच्छ तथा उत्तर गुजरात देश के सबसे गर्म इलाकों में आते हैं।
रात का तापमान देता राहत: इन हिस्सों में दिन के मुकाबले रात का तापमान उतना कष्टदायक नहीं है। रात के समय तापमान लगभग मध्य 20°C तक गिर जाता है, हालांकि तटीय शहरों में यह थोड़ा अधिक रहता है। कल भुज (39.9°C), राजकोट (39.7°C) और डीसा (39.8°C) में तापमान 39°C से अधिक दर्ज किया गया। राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में बाड़मेर (40.5°C), बीकानेर (40°C) और जैसलमेर (39.6°C) में तापमान 40°C के करीब या उससे ऊपर पहुंच गया।
सीमा पार से आने वाली गर्मी का असर: इन क्षेत्र में इस समय गर्मी का मुख्य कारण सीमा पार पाकिस्तार के इलाकों का उच्च तापमान है।मानसून की विदाई के बाद शुष्क हवाएं और साफ आसमान धूप के प्रभाव को बढ़ाते हैं, और यहां की मिट्टी की प्रकृति भी तापमान को बढ़ाने में मदद करती है। पाकिस्तान में सीमावर्ती स्टेशन जैसे हैदराबाद, छोर, जैकबाबाद और नवाबशाह में तापमान 40°C से अधिक दर्ज किया गया है, जिसमें नवाबशाह 42.4°C के साथ सबसे ऊपर है।
गर्मी और अचानक तापमान बढ़ना: सीमा पार से आने वाली गर्मी राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में पहुंचती है। कच्छ और पश्चिमी राजस्थान अर्ध-शुष्क क्षेत्र हैं, जहां मिट्टी का घनत्व अधिक है, जिससे दिन का तापमान तेजी से बढ़ता है। इसी के साथ रात के समय तापमान में भी तेजी से गिरावट होती है। जैसे ही पाकिस्तान और भारत के उत्तरी हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, इन तापमानों में काफी कमी आएगी।
फिलहाल राहत की उम्मीद नहीं: अगले एक सप्ताह तक किसी बड़ी राहत की संभावना नहीं है। हालांकि, नवंबर के पहले सप्ताह के बाद इन इलाकों में तापमान गिरकर मध्य 30°C के आसपास पहुंच सकता है।