पूरे सर्दियों में बारिश की कमी का सामना करने वाले उत्तर प्रदेश में आखिरकार अब कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ रहा है, जिससे सूखे राज्यों में जरूरी बारिश हो सकती है।
1 जनवरी से 2 फरवरी के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश में 72% और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 40% बारिश की कमी दर्ज की गई थी। आगे आने वाली बारिश इस सूखे को दूर करेगी। जबकि पश्चिमी हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में छिटपुट बारिश हुई है, नई मौसम प्रणाली से ज्यादा बारिश और मौसम में बदलाव हो सकता है।
3 फरवरी से पश्चिमी और मध्य जिलों में बारिश शुरू हो जाएगी, जो धीरे-धीरे 4 फरवरी तक पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लेगी। पूरे उत्तर प्रदेश में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, साथ ही छिटपुट ओलावृष्टि भी हो सकती है।
यह किसानों के लिए विशेष रूप से अच्छी खबर है, क्योंकि सर्दियों की फसलों को इस समय सिंचाई की आवश्यकता है। बारिश से फसलो को बहुत ज़रूरी नमी मिलेगी, फसल में वृद्धि होगी और कृषि संभावनाओं में सुधार होगा।
हालाँकि, यह बारिश की गतिविधियां लंबे समय तक नहीं रहेगी। 5 फरवरी को बारिश की तीव्रता काफी कम हो जाएगी और 6 फरवरी तक शुष्क मौसम वापस आ जाएगा। फरवरी में आमतौर पर उत्तर प्रदेश में बहुत कम बारिश होती है। कम से कम फरवरी के मध्य तक कोई महत्वपूर्ण वर्षा होने की उम्मीद नहीं है।