रात भर की अच्छी बारिश के साथ जम्मू व कश्मीर के कई भागों में नए पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरू हो गया है। अनुमान है कि अगले दो दिनों में बारिश से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर भारत के मैदानी इलाके भी प्रभावित होंगे। स्काईमेट के अनुसार इसके प्रभाव के चलते पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना, तेज़ आँधी और ओलावृष्टि हो सकती है। उधर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कल से बारिश शुरू होने के आसार हैं।
जम्मू व कश्मीर के गुलमर्ग में 32 मिमी, कुपवाड़ा में 31, श्रीनगर में 14, पहलगाम में 12 और कोकेरनाग में 6 मिलीमीटर वर्षा गत 24 घंटों के दौरान दर्ज की गई है। स्काईमेट के मौसम विज्ञानियों के अनुसार यह मौसमी हलचल धीरे-धीरे पूर्व की तरफ हिमालय की तराई से सटे हिस्सों की तरफ बढ़ेगी जिससे नेपाल में मध्यम बारिश हो सकती जो हाल ही में आए भूकम्प के बाद जारी राहत और बचाव के काम में बड़ी बाधा खड़ी कर सकती है।
बारिश का तापमान पर असर
जम्मू व कश्मीर के अनेक हिस्सों में जारी वर्षा के चलते दिन के तापमान में धीरे धीरे गिरावट दर्ज की जा रही है। वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ ने दिल्ली के मौसम को पहले से ही प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसीलिए दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से दिन में पारा गिरकर 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है।
फसलों को फिर से नुकसान
इस समय पहाड़ों पर बारिश हो रही है। अनुमान है कि धीरे-धीरे बारिश कि गतिविधियां मैदानी इलाकों तक भी बढ़ेंगी और कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जाएगी जो फिर से गेहूँ, चना और सरसों सहित कई रबी फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। पहले से ही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों और फलों की बरबादी के बाद संकट और दुख से जूझ रहे किसान कि मुश्किलें संभावित बारिश से कहीं और बढ़ ना जाएँ।
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