पिछले कुछ दिनों से बिहार में मानसून की स्थिति कमजोर बनी हुयी है, जिसके चलते वर्षा की कमी का आंकड़ा बढ़कर 18% हो गया है। हालांकि अब मौसम एक बार फिर करवट बदलने के लिए तैयार है।
मानसून की अक्षीय रेखा, जो अपनी स्थिति के दक्षिण में होते हुये आगे बढ़ रही है, अब एक बार फिर उत्तर की ओर मुड़ते हुये, बिहार से होकर आगे की तरफ बढ़ गई है। इसलिये राज्य में एक बार फिर अच्छी बारिश की उम्मीद है।
मौसम वैज्ञानिकों ने 13 सितंबर तक बिहार के इलाकों में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताया है। इसके अलावा नेपाल के पहाड़ों में भारी बारिश की संभावना है।
बिहार के उत्तरी जिलों में अच्छी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की उम्मीद है, जिसकी वजह से कई जिलों को बाढ़ जैसे हालात का सामना करना पड़ सकता है। सीतामढ़ी, चंपारण, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसी जगहों पर संभावित बाढ़ का खतरा सबसे ज्यादा बना हुआ है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश पहले से ही उन्नाव, कानपुर और फर्रुखाबाद जैसे स्थानों पर बाढ़ से जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अगले 48 घंटों तक मध्यम से भारी बारिश होने की उम्मीद है जिसकी वजह से हालात में किसी राहत की उम्मीद रखना बेमानी होगा। नतीजतन, बाढ़ की स्थिति संगीन हो सकती है क्योंकि बारिश की वजह से परिस्थिति बदतरीन हो सकती है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, बिहार और उत्तर प्रदेश में बारिश की तीव्रता 15 सितंबर के बाद घटने लगेगी, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।