कल दोपहर 13 मई को तेज हवाओं के साथ धूल भरी आंधी चलने से मुंबई बुरी तरह प्रभावित हुई है। धूल भरी हवाओं और उसके बाद भारी बारिश से विजिबिलिटी कुछ सौ मीटर तक कम हो गई। मुंबई में पहली प्री-मानसून तूफानी गतिविधि दोपहर 3 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच चली। इस बारिश से गर्मी से राहत तो मिली, लेकिन इससे परेशानियां भी हुई और जान-माल का नुकसान भी हुआ।
तूफान ने मचाई तबाही: भंयकर तूफान के कारण टेकऑफ़ और लैंडिंग के लिए हवाईअड्डे का संचालन रोक दिया गया। करीब 15 उड़ानें डायवर्ट की गई। साथ ही मध्य रेलवे पर उपनगरीय सेवाएं और कुछ मेट्रो सेवाएं भी कई कारणों से रोक दी गईँ। तेज आंधी में कुछ पेड़ उखड़ गए और यातायात जाम हो गया, जिस कारण कुछ समय के लिए वाहनों का सड़कों पर आवागमन बाधित रहा। घाटकोपर में एक बड़ा बिलबोर्ड तेज हवाओं के कारण गिर गया। जिससे इमारत, वाहन, कर्मचारी और टूरिस्ट फंस गए और 14 लोगों की जान चली गई। साथ ही करीब 52 लोग घायल हो गए।
तेजी से बनी तूफान की स्थिति: बता दें, मुबंई में मौसम की गतिविधि इतनी तेजी से बढ़ रही थी, कि तूफान और बारिश की चेतावनी देने का समय कम मिला। बता दें, यह मौसम की एक अजीब घटना थी, जिसने सभी को अचंभित कर दिया। साथ ही मुबंई में सीजन की शुरुआत विनाशकारी तरीके से हुई। वहीं, सांताक्रूज़ वेधशाला ने कल मुबंई में 21 मिमी वर्षा दर्ज की और 50-60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवाएँ मापीं।
कई इलाकों में तूफान का असर: दक्षिण प्रायद्वीप में पिछले कुछ दिनों से प्री-मानसून गतिविधि तेज हो गई है। हवा की रुकावट के साथ, समुद्र तट से दूर जमीन पर एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा तटीय कर्नाटक से लेकर गोवा और कोंकण तक फैली हुई है। पूरे कोंकण क्षेत्र में काफी भारी गतिविधि थी। यहां तक कि घाट के निचले हिस्से पुणे, नासिक, सांगली, सतारा, अहमदनगर और आसपास के इलाकों में भी बारिश और तूफान आया था।
अभी और आएंगे तूफान: मुंबई और उपनगरों में अधिक प्री-मॉनसून वर्षा होने की संभावना है। 15 से 17 मई के बीच बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है, खासकर पहले दो दिनों में। इस सप्ताह के आखिर में खाड़ी द्वीपों पर मानसून आने की संभावना है। इसके साथ ही अरब सागर में भी हवा के पैटर्न में बदलाव आएगा। जिसके कारण पवन धारा पूरे पश्चिमी तट पर सक्रिय हो जाएगी और पूरे तट पर प्री-मानसून गतिविधि में तेजी आने की संभावना है। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की सहायता से मुंबई और उपनगरों में तूफान की गतिविधियां बढ़ेंगी, जो मानसून के आने तक जारी रहेंगी।
फोटो क्रेडिट: हिंदुस्तान टाइम्स