इस सर्दी के सीजन में उत्तर प्रदेश बारिश की कमी से जूझा। जनवरी का महीना राज्य के पश्चिमी हिस्से के लिए काफी खराब था, ऐसा ही उत्तर भारत के अन्य मैदानी इलाकों के लिए रहा था। वहीं, पिछले दिनों हुई बारिश से पूर्वी भागों की स्थिति बेहतर रही, फिर भी 72% बारिश की कमी थी। वहीं, पश्चिमी भागों में 92% बारिश की भारी कमी थी। हालांकि, फरवरी महीने की शुरुआत उत्तर प्रदेश के अधिकांश राज्यों में बारिश की कमी और सूखा खत्म होने की उम्मीद के साथ हुई। पिछले 24 घंटों में पूरे राज्य में अच्छी बारिश दर्ज की गई है।
इससे पहले फरवरी महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई थी। 01 फरवरी को अच्छी बारिश और 02 और 04 फरवरी को हल्की बारिश ने सूखे के दौर को लगभग खत्म कर दिया। हालाँकि, पिछले 24 घंटों में राज्य के कई जिलों में भारी शीतकालीन बारिश का दौर चला। इस दौरान भारी बारिश ने यूपी के दक्षिण-पश्चिम के जिले बरेली, अलीगढ, मेरठ से लेकर उत्तर-पश्चिमी भाग आगरा, मथुरा, झाँसी को कवर किया।
राज्य के मध्य भागों और पूर्वी सीमाओं पर भी बारिश हुई, जिसमें कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, हमीरपुर से लेकर वाराणसी, गोरखपुर और ग़ाज़ीपुर शामिल हैं। बारिश के कारण दिन के दौरान पारा का स्तर उच्च किशोरावस्था और निम्न बीस डिग्री तक गिर गया और रात के दौरान निम्न और मध्य किशोरावस्था तक काफी बढ़ गया। पारा कम होने के बाद राज्य के कुछ हिस्सों में चल रही शीत लहर की स्थिति कम हो गई है।
अब बारिश गतिविधियां बंद हो जाएंगी, लेकिन आसमान में धुंधली स्थिति दिनभर बनी रहेगी। कल राज्य के अधिकांश हिस्सों में सुबह के समय घना कोहरा छाने का अनुमान है। दिन चढ़ने के साथ मौसम बेहतर होने की संभावना है। आने वाले दिनों में मौसम ने सुधार आने की संभावना है।
हालाँकि, सप्ताह के दौरान तलहटी की ढलानों से ठंडी हवाएँ चलने की संभावना है। इससे सुबह के तापमान में गिरावट आएगी। राज्य के कुछ हिस्सों में शीत लहर की स्थिति फिर से लौट सकती है और गंगा के मैदानी इलाकों की तलहटी अधिक संवेदनशील होगी। वहीं, अगले सप्ताह बारिश का अगला दौर शुरू हो सकता है।
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