दक्षिण पश्चिम मानसून कल, 02 अक्टूबर 2024 को दिल्ली से विदा हो गया। वापसी की सामान्य तारीख 25 सितंबर है। लगभग एक सप्ताह की देरी के बाद 23 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी शुरू हो गई थी। दिल्ली में भी ऐसा ही विस्तार(वापसी में देरी) था। लेकिन, लगभग 5-7 दिनों का मानसून के वापस जाने की देरी को सामान्य माना जाता है।
बारिश के बिना अनुकूल परिस्थितियाँ: दरअसल, दिल्ली स्थित आधार वेधशाला सफदरजंग में पिछले दो सप्ताह में कोई बारिश दर्ज नहीं की गई है। पिछले कुछ दिनों से मौसम की परिस्थितियां मानसून की विदाई के लिए अनुकूल थीं। हालाँकि, मानसून की वापसी आम तौर पर पूर्वव्यापी होती है, क्योंकि वापसी के मापदंडों को 4-5 दिनों के लिए कुछ मानकों को पूरा करना होता है। अब मानसून की विदाई रेखा दिल्ली से काफी पूर्व की ओर बढ़ चुकी है और साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश के हिस्सों को भी कवर कर रही है।
बढ़ते तापमान का असर: दिल्ली में कल(2 अक्टूबर) दिन का तापमान 37°C को पार कर गया। कल सफदरजंग में अधिकतम तापमान 37.2°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 3°C अधिक है। इस मानसून सीजन में दिल्ली में 1029.9 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्यत: 640.4 मिमी होती है, यानी लगभग 61% की अधिकता रही है। अक्टूबर में औसत बारिश कम होकर केवल 15 मिमी रह जाती है और नवंबर में घटकर मात्र 6 मिमी रह जाती है।
हल्की बारिश की संभावना: हालांकि मानसून दिल्ली से विदा हो गया है, लेकिन 04 और 05 अक्टूबर को हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, खासकर 05 अक्टूबर को बारिश की संभावना अधिक है। पंजाब, उत्तर राजस्थान और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों पर शुष्क चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा पूर्व की ओर फैली हुई है और दिल्ली के पास से गुजर रही है। बता दें, बढ़ता तापमान हल्की बारिश के लिए ट्रिगर का काम कर सकता है। इसीलिए अगर बारिश होती है, तो यह छिटपुट और कम समय के लिए होगी।