चिल्लई-कलां कश्मीर घाटी के लिए कठोर सर्दियों की 40 दिनों की अवधि है। चिल्लई-कलां 21 दिसंबर से शुरू होता है और अगले साल 29 जनवरी को समाप्त होता है। इस अवधि के बाद 20 दिन लंबी चिल्लई-खुर्द (छोटी ठंड) होती है जो 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच तक रहती है। चिल्लई-कलां के दौरान गिरने वाली बर्फ जम जाती है, जो लंबे समय तक बनी रहती है। यह जमी बर्फ है घाटी के ग्लेशियरों को जोड़ती है और बारहमासी जलाशयों को भरती है। यह बारहमासी जलाशय निचली नदियों और झरनों को पानी देते हैं। इसके अलावा यह बर्फ अन्य जल निकायों के लिए स्रोत और रिजर्व होती है, जो गर्मियों के महीनों तक बनी रहती है।
इस सीजन में चिल्लई-कलां की अवधि निराशजनक रही, क्योंकि इस दौरान चोटियों और स्नो वाली जगहों पर बर्फबारी नहीं हुई। श्रीनगर घाटी में पहली बर्फबारी 31 जनवरी 2024 को चिल्लई-कलां की समाप्ति पर देखी गई थी। जनवरी में बर्फबारी नहीं होने से फल और फसल उद्योग के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन को भारी नुकसान हुआ था। इस सीजन में मौसम की खेल, रोमांच और पर्यटन पर इतनी बुरी मार पड़ी, जितनी पहले कभी नहीं पड़ी।
हालांकि, चिल्लाई-खुर्द के शुरू होने से कुछ उम्मीदें जगी हैं। लगातार दो बार हुई भारी बारिश और बर्फबारी से जल संसाधनों और जलाशय रिचार्ज हो गए है। साहसिक एवं पर्यटन पटरी पर लौट आया है। जिससे पहले हुए नुकसान की अच्छी भरपाई हो चुकी है। 29 जनवरी 2024 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख राज्य में मौसमी कमी 98% थी। हालांकि, बर्फबारी के बाद 5 फरवरी 2024 को मौसम कमी 56% प्रतिशत रह गई। हालांकि, ये अंतर अभी काफी बड़ा है। इस मौसमी कमी के अंतर को अभी और भरने की जरूरत है।
पश्चिमी विक्षोभ ने पहाड़ों को साफ कर दिया है। ऊपरी वायु प्रणाली के रूप में कमज़ोर ट्रफ ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों को हल्का प्रभावित कर सकता है। किसी महत्वपूर्ण योगदान की संभावना नहीं है। हां थोड़ा परेशान करने वाली बात है अगले एक सप्ताह या उससे ज्याद समय तक कोई भी सक्रिय मौसम प्रणाली आने की संभावना नहीं है। क्योंकि, मौजूदा बर्फ के ढेर को जल्द से जल्द भरने की जरूरत है। 21 से 25 फरवरी तक चलने वाले खेलो इंडिया के अगले चरण में स्कीइंग, आइस स्केटिंग और अन्य स्नो स्पोर्ट्स के लिए गुलमर्ग में ताजा बर्फ के ढेर की जरूरत होगी। अच्छी और ताजा बर्फबारी अखिरी ठंड की अवधि चिल्लई 'चिल्लाई-बाचे' (बच्चों की ठंड) तक पहुंच सकता है। 'चिल्लाई-बाचे' की अवधि 2 फरवरी से 2 मार्च तक रहती है।