पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी पहाड़ों पर अगले लगभग दो सप्ताह तक हलचल जारी रहने की संभावना है। बीच-बीच में छोटे ब्रेक लग सकते हैं। अगले सप्ताह की शुरुआत में, सिर्फ एक मौके को छोड़कर, मौसम गतिविधियां पहाड़ी इलाकों तक ही सीमित रहेंगी। इस एक मौके पर मैदानी इलाकों में भी एक यो दो दिन मौसम गतिविधियां होंगी।
जम्मू-कश्मीर में बारिश/बर्फबारी: इस समय जम्मू-कश्मीर पर एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और पहाड़ों के निचले हिस्सों में हल्की बारिश होगी। पश्चिमी विक्षोभ का बचा हुआ असर कल 8 मार्च को भी हल्का दिखाई देगा। एक दिन बाद 09 मार्च को हल्के बादल छंटने की उम्मीद है। 10 मार्च को एक नई मौसम प्रणाली आने की संभावना है।
15 मार्च तक होंगी गतिविधि: अनुमानित पश्चिमी विक्षोभ मौजूदा विक्षोभ से अधिक मजबूत होगा। गतिविधि की अवधि काफी लंबी होगी और 15 मार्च तक चलेगी। बारिश और बर्फबारी की तीव्रता और फैलाव 12 से 14 मार्च के बीच बड़ा होगा और 13 मार्च को और भी अधिक होगा। 13 मार्च को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सभी पर्वत श्रृंखलाओं के लिए मौसम की गतिविधि समान रूप से मजबूत होगी। बाकी दिनों में, जम्मू-कश्मीर और कुछ हद तक पड़ोसी हिमाचल प्रदेश सक्रिय क्षेत्र रहेगा।
इन मैदानी इलाकों में होगा असर: मौसम का क्रम 12 और 13 मार्च को थोड़े समय के लिए पंजाब और हरियाणा के मैदानी इलाकों में भी पहुंचेगा। दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 13 मार्च को एक दिन के लिए मौसम खराब रह सकता है। 14 मार्च से मैदानी इलाकों में शुरुआती ब्रेक लग जाएगा और 16 मार्च और उसके बाद पूरे क्षेत्र के लिए व्यापक निकासी की संभावना है।
फोटो क्रेडिट: Canva