उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में अप्रैल के महीने में अच्छी प्री मानसून गतिविधियाँ देखी गईं। 1 से 25 अप्रैल के बीच, छह पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों में आए। इनमें से तीन पश्चिमी विक्षोभ अधिक सशक्त थे तथा उनके प्रभाव से प्री मानसून के गतिविधियां जैसे कि बारिश, मेघ गर्जना ओलावृष्टि और धूल भरी आंधी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई भागों में देखी गई।
16, 20 और 23 अप्रैल को दिल्ली एनसीआर में बारिश और धूल भरी आंधी भी दर्ज की गई। इस अप्रैल के महीने में पश्चिमी विक्षोभ सामान्य की तुलना में अधिक आए। इन पश्चिमी विक्षोभ उन्हें पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों के कई स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर बर्फबारी दी।
प्री मानसून की गतिविधियों के कारण दिल्ली के लिए अप्रैल 2021, अप्रैल 2015 के बाद से अब तक का सबसे ठंडा अप्रैल है। 1 से 22 अप्रैल के बीच दिल्ली का औसत अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री रहा।
अब देश के उत्तर पश्चिमी राज्य में मौसम शुष्क हो गया है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान पर 27 या 28 अप्रैल तक मौसम की किसी भी गतिविधि की उम्मीद नहीं है। ताजा पश्चिमी विक्षोभ 27 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर को प्रभावित करना शुरू करेगा। यह 27 से 30 अप्रैल के बीच पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर हल्की से मध्यम बारिश तथा गरज के साथ बौछारें देगा। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तरी भागों और 29 अप्रैल को हल्की बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। लेकिन ये प्री-मॉनसून गतिविधियां कमज़ोर होंगी, इसलिए अधिकतम में कोई महत्वपूर्ण गिरावट के आसार नहीं है।
अप्रैल के अंत तक उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी की लहर की पुनरावृत्ति की संभावना लगभग शून्य है।