गुजरात का मौसम पिछले कई दिनों से लगभग शुष्क बना हुआ है। जुलाई के दूसरे सप्ताह और 24 और 25 जुलाई को राज्य के दक्षिणी और मध्य भागों में कुछ अच्छे मौसम देखे गए। कच्छ और सौराष्ट्र के अधिकांश हिस्से सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 01 जून से 08 अगस्त के बीच सौराष्ट्र और कच्छ में 45% और गुजरात क्षेत्र में 42% की कमी है। स्काइमेट के मौसम
विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 8 से 10 दिनों में राज्य में बारिश की गतिविधियों में किसी प्रकार की वृद्धि की उम्मीद नहीं है। हालांकि, 13 से 15 अगस्त के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की गतिविधियां नहीं होगी।
Tauktae चक्रवात के मद्देनजर गुजरात में मई के महीने में भारी बारिश हुई है। गुजरात में जून के तीसरे और चौथे सप्ताह के दौरान भी कुछ अच्छी बारिश देखने को मिली। लेकिन उसके बाद से जुलाई के कुछ दिनों को छोड़कर मौसम लगभग शुष्क बना हुआ है। पूर्वोत्तर अरब सागर पर किसी भी मौसमी सिस्टम के न बने होने के कारण यहाँ मौसम इतने लंबे समय तक शुष्क बना रहा। इसके अलावा, निम्न दबाव के क्षेत्र जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर विकसित हुए हैं, मध्य प्रदेश के मध्य और उत्तर-पश्चिमी भागों तक पहुंच गए हैं। गुजरात पर बारिश के लिहाज से इन सिस्टमों का असर न के बराबर रहा।
स्काइमेट के मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अगले 8 से 10 दिनों के दौरान गुजरात के ऊपर पूर्वोत्तर अरब सागर में सिस्टम विकसित होने के आसार न के बराबर हैं। बारिश की कमी से मूंगफली, सोयाबीन और कपास की फसलें बर्बाद होने के कगार पर हैं। आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है। इसके अलावा राज्य के जलाशय भी धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं।