इस मौसम में बेंगलुरु पानी की गंभीर कमी से जूझ रहा है। इस साल सिलिकॉन शहर में शायद ही बारिश हुई है। जनवरी की शुरुआत में एक दिन में केवल 2 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। उसके बाद कोई बारिश नहीं हुई और शहर अब तक पूरी तरह सूखा पड़ा है। फरवरी का पूरा महीना बारिश की एक बूंद के बिना बीत गया, ऐसा ही रिकॉर्ड मार्च महीने में भी अब तक बना हुआ है।
बढ़ेगी गर्मी, बारिश की उम्मीद नहीं: बता दें, बेंगलुरु में कम से कम अगले 2 सप्ताह तक बारिश की कोई उम्मीद नहीं है, यह अवधि आगे भी बढ़ सकती है। दूसरी तरफ, बेंगलुरु में गर्मी बढ़ रही है, 05 मार्च को दिन का तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम की मार से जल्द ही राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। पारा 30 के मध्य में बन रहेगा, जो सामान्य से 2-4 डिग्री सेल्सियस ऊपर है। मार्च के महीने में उच्च तापमान और शुष्क मौसम की स्थिति बेंगलुरु शहर के लिए दोहरी मार है।
भूमिगत जल स्तर गया नीचे: बेंगलुरु कभी “झीलो के शहर” के रूप में जाना जाता था। क्योंकि यहा पर लगभग 285 झीलें थी। ज्यादा पानी को दूसरी झील में भेजने के लिए इन झीलों को नहरों और नालों से जोड़ा गया था। जिसके बाद कुछ झीलें सूख गई और कुछ पुनर्जीवित हो गई। इसीलिए बेंगलुरु में झीलों की बड़ी संख्या में गिरावट आ गई। बारिश की कमी के कारण भूमिगत जल का स्तर नीचे चला गया है और उप-मिट्टी की नमी बहुत कम हो गई है।
भयंकर जल संकट: अधिकांश बोरवेल सूख गए हैं और कुल मिलाकर जल प्रबंधन पंगु हो गया है। जल स्तर के गंभीर संकट के कारण पानी की 'राशनिंग' हो गई है। यहां तक कि कॉन्डोमिनियम में भी पानी का प्रावधान ख़राब हो गया है। पानी ले जाने वाले टैंकरों की लागत बढ़कर दोगुनी हो गई है। राज्य सरकार निवासियों के संघों से पुनर्नवीनीकरण और उपचारित पानी सहित सभी संभावित तरीकों से अभूतपूर्व जल संकट से लड़ रही है।
फरवरी में तापमान सामान्य से ऊपर: अधिक भीषण गर्मी की आशंका के साथ बेंगलुरु में ग्रामीण और शहरी जिलों सहित अधिकांश स्थानों पर पीने के पानी का संकट और भी बदतर होने की संभावना है। फरवरी महीने में दिन का तापमान एक भी दिन बिना रूके लगातार 30 के आसपास बना रहा। 23 फरवरी को पारा 34.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से काफी ऊपर है।
उच्च तापमान, अप्रैल में बारिश की उम्मीद: मार्च का पहला सप्ताह पिछले मंगलवार को 36 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम तापमान के साथ 30 के मध्य में पहुंच गया है। बढ़ते तापमान और गर्मी से राहत देने के लिए निकट भविष्य में कोई मौसम प्रणाली नहीं है। नदियों और नहरों के प्रवाह में सुधार के लिए जलग्रहण क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना नहीं है। बेंगलुरु के नागरिकों को इस मौसम में अधिक गर्मी के लिए तैयार रहना होगा। पारा लंबे समय तक आरामदायक स्तर से ऊपर रहने की संभावना है। बता दें, बारिश और गरज के साथ बौछारें ज्यादातर मई के महीने में आती हैं, वह भी आखिरी 15 दिनों में। हालांकि, अप्रैल में केवल छोटी और रुक-रुक कर छिटपुट मौसमी गतिविधियों की उम्मीद की जा सकती है।