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त्रिपुरा में पिछले कुछ दिनों में अत्यधिक भारी बारिश का सामना कर रहा है। लगातार भारी बारिश से जान-माल का नुकसान हुआ है। वहीं, इलाके की जटिलता ने मौसम की गंभीरता को ज्यादा बढ़ा दिया है। कल (21 अगस्त) रात भी कई हिस्सों में फिर से बाढ़ आ गई है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में पिछले 24 घंटों में 233 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गई है। अगले करीब चार दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है। हालांकि, इसके बाद खराब मौसम से राहत मिलने की उम्मीद है।
निम्न दबाव क्षेत्र और इसका प्रभाव: पिछले 3-4 दिनों से बांग्लादेश और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों पर एक कम दबाव का क्षेत्र मंडरा रहा है। इससे पहले यह सिस्टम बांग्लादेश के दक्षिणी हिस्सों और गंगीय पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर स्थित था। वर्तमान में यह निम्न दबाव क्षेत्र उत्तरी बांग्लादेश और इसके आसपास के इलाकों में बना हुआ है। सिस्टम का चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 20,000 फीट से ऊपर तक फैला हुआ है।
खतरे के स्तर से ऊपर नदियाँ: अगले 48 घंटों में चक्रवाती परिसंचरण के पूरे पश्चिम बंगाल में पश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है। यह मौसम प्रणाली बंगाल की खाड़ी से भरपूर नमी खींच रही है और बांग्लादेश और त्रिपुरा के पूर्वी हिस्सों में बारिश के रूप में छोड़ रही है। बता दें, इन दोनों क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। त्रिपुरा की सभी नदियाँ, खासकर गोमती और जूरी, जो बांग्लादेश से होकर गुजरती हैं, खतरे के स्तर से काफी ऊपर बढ़ गई हैं। इसी तरह अन्य जलस्रोत भी अपनी क्षमता से अधिक बह रहे हैं।
अगली चक्रवातीय प्रणाली की आशंका: सबसे खराब बात यह है कि जहां निम्न दबाव क्षेत्र गतिविधि क्षेत्र से धीरे-धीरे दूर जा सकता है। लेकिन, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में एक और चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। इससे क्षेत्र में दो दिन 24 और 25 अगस्त को तक खराब मौसम की स्थिति बने रहने का खतरा रहेगा। जबकि, यह परिसंचरण अगले सप्ताह की शुरुआत में अधिक संगठित और समेकित हो जाएगा। इसके बाद यह 'हेड बे' पर दक्षिण की ओर शिफ्ट हो सकता है। जिससे 27 अगस्त से त्रिपुरा में दबाव कम हो जाएगा और मौसम की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता: त्रिपुरा को इस सप्ताह के अंत तक 'चेतावनी और सतर्कता' की स्थिति में रहना होगा। 26 अगस्त को स्थिति आसान होकर बारिश कम हो सकती है। हालाँकि, बारिश बंद होने के बाद भी जलस्रोत(जलाशय) प्रतिक्रिया देते रहते हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाला अगला सिस्टम मौजूदा सिस्टम जितना खतरनाक नहीं हो सकता है, लेकिन त्रिपुरा निवासियों को अगले सप्ताह के मध्य तक सावधानी बरतने की जरूरत है।
फोटो क्रेडिट : इंडिया टुडे एनई