कल 10 अक्टूबर को अरब सागर के ऊपर बना निम्न दबाव अब मजबूती से चिन्हित हो गया है। चक्रवाती परिसंचरण वायुमंडल के मध्य स्तर से काफी आगे तक फैला हुआ है। निम्न दबाव के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले लगभग 36 घंटों में मजबूत ड्रिप्रेशन बनने की संभावना है। यह भारतीय समुद्रों में मानसून के बाद पहली मौसमी प्रणाली होगी। हालांकि, इस मौसम प्रणाली के और अधिक तीव्र होने की संभावना नहीं है। यह पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए पश्चिमी तट से दूर होता जाएगा।
कोंकण-गोवा तट पर पूर्वी हवाएं और बारिश: इस मजबूत निम्न दबाव के प्रभाव में हवाओं की दिशा इसके केंद्र की ओर हो रही है और कोंकण-गोवा तट के साथ-साथ ये हवाएं पूर्वी हो गई हैं। पिछले 24 घंटों में मुंबई और कोंकण, गोवा और तटीय कर्नाटक के अन्य हिस्सों में मध्यम वर्षा दर्ज की गई है। यह मौसम प्रणाली गहरे समुद्र के ऊपर है और तटरेखा से काफी दूर है, जिसके कारण गंभीर मौसम स्थितियां नहीं बन रही हैं। जैसे-जैसे यह मौसम प्रणाली दूर जाएगी, बारिश की तीव्रता और प्रसार क्षेत्र में गिरावट आने की संभावना है।
अगले 24 घंटों में बारिश का अनुमान: कोंकण और गोवा के साथ-साथ मुंबई में अगले 24 घंटों में मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। यह मौसम प्रणाली पश्चिमी तट के अन्य हिस्सों दक्षिण और मध्य गुजरात तथा सौराष्ट्र तक अपने प्रभाव का विस्तार करेगी। हालाँकि, समुद्र तट और अंदरूनी हिस्सों में कहीं भी किसी खतरनाक मौसम की उम्मीद नहीं है।
ओमान और यमन के नजदीक कमजोर प्रणाली: डिप्रेशन पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ते हुए ओमान और यमन के सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंच सकता है। वहां पहुंचने तक इसे और अधिक तीव्रता प्राप्त करने के लिए पर्यावरणीय स्थितियां अनुकूल नहीं हैं और इसके कमजोर होने की अधिक संभावना है। 15-16 अक्टूबर के आसपास यह ओमान-यमन तट के करीब पहुंचने से पहले ही कमजोर हो सकता है और तट पार करने के बाद यह मौसम प्रणाली खत्म हो जाएगी।