दिल्ली में इस हफ्ते किसी भी समय मानसून की वापसी(विदाई) होने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून पहले ही सौराष्ट्र, कच्छ, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब व हरियाणा के पश्चिमी हिस्सों से वापस लौट चुका है। सफदरजंग स्थित बेस वेधशाला में पिछले 11 दिनों से कोई बारिश दर्ज नहीं हुई है। दिन का तापमान लगातार 30 डिग्री के मध्य में बना हुआ है। अगले कुछ दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है। बादल और बारिश की कमी के कारण तापमान सप्ताह के बीच में 36°-37°C तक बढ़ सकता है। उम्मीद है हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा में शुष्क और थोड़ा तेज हो जाएगी, ये मानसून की वापसी के संकेत होते हैं। वहीं, सुबह-सुबह तापमान में गिरावट से हल्की ठंडक महसूस होगी, जो मानसून की वापसी के आसार को दर्शाएगी।
मानसून की वापसी के समय बूंदाबांदी: गौरतलब है, मानसून की वापसी के समय हल्की बूंदाबांदी होना सामान्य बात है। इस बार भी 4 और 5 अक्टूबर को दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की फुहारें पड़ सकती हैं। हालांकि, इससे मानसून की वापसी की घोषणा रुकने की संभावना नहीं है। हवा की दिशा में बदलाव, तेज धूप, दोपहर में हल्की हवा और नमी में कमी, ये सभी संकेत दिल्ली से मानसून की वापसी की ओर इशारा करेंगे।
दिल्ली से मानसून की वापसी तिथि: दिल्ली से मानसून की वापसी की निर्धारित तारीख 25 सितंबर है। +/- 5 दिनों का मार्जिन सामान्य के भीतर माना जाता है। इसका मतलब है कि मानसून का अपनी निर्धारित तारीख से 5 दिन पहले या 5 दिन बाद में वापस होना सामान्य है। पिछले साल 2023 में दक्षिण पश्चिम मानसून दिल्ली से 30 सितंबर को वापस चला गया था। इस साल में भी मानसून कुछ समान मार्जिन के सथ इसी राह पर चल सकता है। हालांकि, 4 अक्टूबर को हल्की बूंदाबांदी होती है, जिसे मानसून की वापसी रोकने वाला कारण नहीं माना जाएगा। बता दें, मानसून की वापसी के लिए जरूरी संकेतों में प्रमुख रूप से शुष्क हवाओं का आगमन, मौसम में नमी की कमी, और तापमान में बदलाव शामिल होते हैं। इसलिए, हल्की बारिश भी मानसून के मौसम को समाप्त होने से नहीं रोकती।
मानसून के अच्छे प्रदर्शन के बाद वापसी: लंबे समय तक सूखा रहने के बावजूद इस सीजन में मानसून ने जून के अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश दी है। बता दें, देश की राजधानी दिल्ली में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो लगभग वार्षिक औसत के बराबर है। यहां तक कि सितंबर का महीना में भी अच्छी बारिश हुई है, बता दें सितंबर अधिकतर सूखा रहता है। वहीं, सफदरजंग ऑब्जर्वेटरी ने 193 मिमी बारिश दर्ज की, जो सामान्य 123.4 मिमी से अधिक है। मानसून की वापसी के बाद मौसम एक सप्ताह या दस दिनों के लिए गर्म और उमस भरा रहेगा। जब तक कि अक्टूबर के मध्य तक सर्दियों का असर शाम और रात में महसूस होना शुरू नहीं हो जाता है।