दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कल 7 अगस्त को मध्यम से भारी बारिश हुई। मौसम की यह गतिविधि पहले से अनुमानित थी। कल हुई वर्षा दिल्ली और NCR के लिए अगस्त की पहली सामान्य मानसूनी बारिश थी। सफदरजंग स्थित बेस वेधशाला में 21 मिमी और पालम हवाई अड्डे पर 26 मिमी वर्षा दर्ज की गई। ज्यादा बारिश कुछ ही घंटों में हो गई। इसी दौरान दिल्ली के बाहरी इलाके नजफगढ़ में 87.5 मिमी बारिश हुई।
एनसीआर में भारी बारिश, यातायात पर असर: गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दिल्ली के अंदरूनी हिस्से से तेज और भारी बारिश हुई। यहां तक कि गौतमबुद्धनगर के बाहरी इलाके जैसे बुलंदशहर में भी भारी 34 मिमी बारिश हुई। बारिश का फैलाव और तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि अंडरपासों और निचले इलाकों में पानी भर गया। वहीं, हमेशा की तरह कई जगहों पर यातायात ज्यादा प्रभावित हुआ। गौरतलब है, बारिश अभी समाप्त नहीं हुई है और अगले 5-6 दिनों में और अधिक गतिविधियाँ होने की संभावना है, खासकर सप्ताह के आखिरी दिनों में।
मानसून की गतिविधि और मौसम प्रणाली: दिल्ली और उसके आसपास हो रही मानसूनी गतिविधि (बारिश, आँधी, तेज हवाएँ, बिजली चमकना) मानसून ट्रफ के असर के कारण है। मानसून ट्रफ यह दिल्ली के करीब रहकर अपनी सामान्य स्थिति में चल रही है। मानसून ट्रफ के रास्ते पर दो चक्रवाती परिसंचरण हैं। पूर्वोत्तर राजस्थान, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली क्षेत्र में एक छोटा और संकुचित परिसंचरण बना हुआ है। दूसरा व्यापक परिसंचरण उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्य प्रदेश के सटे हिस्सों में है। पूर्व-पश्चिम मानसून ट्रफ थोड़ा झुका हुआ, इन गतिविधि केंद्रों से होकर गुजर रहा है।
आगे की मौसम स्थिति: पूर्वी भागों पर बना परिसंचरण उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा। इसके साथ मानसून ट्रफ का पूर्वी छोर उत्तर की ओर, तलहटी के करीब शिफ्ट हो जाएगा। पश्चिमी छोर पूर्वोत्तर राजस्थान, उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दिल्ली के पास रहेगा। इससे अगले 5-6 दिनों तक दिल्ली और उपनगरों में मानसूनी बारिश जारी रहेगी। सप्ताहांत, 10 और 11 अगस्त को बारिश अधिक तीव्र और व्यापक हो सकती है। यह मौसम की गतिविधि अगले सप्ताह के दौरान भी जारी रहेगी, जो स्वतंत्रता दिवस,15 अगस्त से भी आगे तक जारी रह सकती है।
फोटो क्रेडिट: ईटीवी भारत