दिल्ली/NCR में लगातार दूसरे दिन छिटपुट मानसूनी बारिश हुई। बारिश जगह-जगह पर असमान रूप से हुई और इसकी तीव्रता में भी अंतर देखा गया। सफदरजंग स्थित बेस वेधशाला में केवल 3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि हवाई अड्डा वेधशाला पालम में 42 मिमी की मध्यम वर्षा मापी गई। नोएडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश हुई थी, जहां बारिश की मात्रा एकल अंक में रही। आज और सप्ताह के आखिर में अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम की गतिविधि अगले सप्ताह तक भी जारी रह सकती है।
दिल्ली के पास मानसून ट्रफ: पिछले कुछ दिनों से मानसून ट्रफ लगातार दिल्ली के करीब बनी हुई है। यह दिल्ली क्षेत्र में सक्रिय मानसून के लंबे स्पेल का मुख्य कारण है। पूर्व-पश्चिम दिशा में फैला हुआ यह ट्रफ एक अर्ध स्थायी विशेषता है, जो पश्चिम में पाकिस्तान-राजस्थान से लेकर पूर्व में गंगा के मैदान और उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक 2000 किमी से अधिक की दूरी तक फैली हुई है। वर्तमान में, इस ट्रफ में दो चक्रवाती परिसंचरण जुड़े हुए हैं। एक छोटे पैमाने का कॉम्पैक्ट सर्कुलेशन दक्षिण हरियाणा और दिल्ली में स्थित हैं। वहीं, दूसरा परिसंचरण झारखंड और छत्तीसगढ़ क्षेत्र में चिह्नित है। ये दोनों प्रणालियाँ बहुत कस कर मानसून ट्रफ को मजबूती से पकड़े हुए हैं, जिससे मानसूनी ट्रफ में बहुत कम बदलाव हो रहे हैं।
आगामी दिनों में बारिश की स्थिति: दिल्ली/एनसीआर में आज मानसूनी बारिश हल्की और रुक-रुक कर होगी। कल 10 अगस्त और परसों 11 अगस्त को बारिश तीव्रता और प्रसार बढ़ने की उम्मीद है। मौसम की हलचल अगले सप्ताह भी जारी रहेगी। लास्ट में ये दोनों चक्रवाती परिसंचरणों के मानसून ट्रफ में समाहित होने की संभावना है। लेकिन, ऐसा अगले सप्ताह के मध्य में या एक दिन बाद स्वतंत्रता दिवस के दिन होगा। यही वह समय है जब ट्रफ की प्रवृत्ति पहाड़ियों के करीब उत्तर की ओर खिसकने की होगी। हालांकि, 4-5 दिनों के बाद मौसम मॉडल की सटीकता कम हो जाती है। इसीलिए पूर्वानुमान की विश्वसनीयता घट जाती है। मौसम संबंधी परिस्थितियों की निगरानी की जाएगी और अगले सप्ताह की शुरुआत में सटीक प्रामाणिक पूर्वानुमान के लिए दोबारा से समीक्षा की जाएगी।