दिल्ली में बारिश ने एक बार फिर दस्तक दी है। पिछले दो से तीन दिनों के दौरान अच्छी बारिश देखने को मिली है। रुक रुक कर हो रही बारिश से जहां एक तरफ तापमान में काफी गिरावट आई है वहीं मौसम भी सुहाना हो गया है।
रविवार सुबह 8:30 बजे से सोमवार सुबह 8:30 बजे तक, 24 घंटों के दौरान, पालम मौसम विज्ञान केंद्र में 24.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सफदरजंग में 16.3 मिमी बारिश हुई। दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिसकी वजह से आयानगर में 23 मिमी, दिल्ली विश्वविद्यालय में 15 मिमी, और रिज में 14.3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई।
थोड़े देर के अंतराल पर हो रही बारिश का सीधा प्रभाव मौसम पर भी दिखाई दिया। दिन के अधिकतम तापमान में कमी आई है। जहां सफदरजंग में अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया वहीं पालम में पारा 30.4 डिग्री तक पहुंचा। दोनों ही जगहों का तापमान, सामान्य स्तर से तीन से चार डिग्री सेल्सियस कम है।
आम तौर पर, सितंबर का महीना दिल्ली वासियों के लिए बढ़िया गुजरता है। इस महीने जहां आम तौर पर अच्छी बारिश देखने को मिलती है वहीं तापमान भी कम बना रहता है। और इस बार तो सितंबर पहले दिन से ही अपने साथ बारिश की सौगात लेकर आया था, जब 8 दिन लगातार बारिश दर्ज की गई थी। कहा जा सकता है की पिछले कुछ बरसों के दौरान इस बार का सितम्बर महीना बेहद शानदार रहा और बारिश की झड़ी लगी रही।
आम तौर पर सितंबर में बारिश काफी हद तक कम हो जाती है क्योंकि यह मानसून वापसी का महीना होता है। हालांकि, इस बार मौसमी परिदृश्य कुछ बदला सा नजर आ रहा है। शहर में 129.8 मिमी औसत मासिक वर्षा के मुकाबले 225 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो लगभग 100 मिमी अधिक है और अभी तक़रीबन एक सप्ताह का समय भी बचा हुआ है। दिल्ली में सितंबर 2010 में सबसे ज्यादा 332 मिमी की रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई थी। हालांकि इस आंकड़े को पार कर पाना तो काफी चुनौतीपूर्ण लग रहा है, लेकिन निर्विवाद तरीके से इस बार बारिश सितंबर महीने को दूसरा सबसे ज्यादा मासिक वर्षा वाला महीना तो करार दिया ही जा सकता है।
अब, चक्रवात "डे" कमजोर पड़ गया है और निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो चुका है। इसकी मौजूदगी अब उत्तरी राजस्थान और उससे सटे हरियाणा के इलाकों में देखी जा सकती है। ऐसा अनुमान है की ये मौसमी प्रणाली 12 घंटे तक और बरक़रार रहेगी। इस वजह से आज भी बारिश जारी रहेगी।
हालांकि बारिश पहले की तरह नहीं होगी और इसमें तुलनात्मक रूप से काफी कमी आएगी। सुबह के वक़्त बारिश जरूर देखने को मिली थी लेकिन जैसे-जैसे दिन व्यतीत होगा, वर्षा में भी कमी आने लगेगी। इसके बाद, बारिश में कमी का दौर शुरू होगा और तापमान में वृद्धि होना शुरू हो जाएगी।
Image Credit: DNA India
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