राजधानी दिल्ली और इससे सटे शहरों में आज यानि 29 अक्टूबर को प्रदूषण 28 अक्टूबर की तुलना में कम रहा। हालांकि अभी भी दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है। इन सभी स्थानों पर कई इलाके ऐसे हैं जहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में है। ख़ासकर चांदनी चौक और नोएडा में स्थिति सबसे बदतर है, जहां पर पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषण कणों की संख्या हवा में बहुत अधिक। यह कण ज़हर बनकर घुले हुए हैं।
दिल्ली प्रदूषण का विश्लेषण
मंगलवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के साथ धुंध और आंशिक तौर पर बादल भी दिखाई दिए। हवाओं की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से भी नीचे है जिसके कारण प्रदूषण की यह स्थिति देखने को मिल रही है। हालांकि दोपहर के समय जब धूप का प्रभाव बढ़ेगा तब हवाओं की रफ़्तार भी तेज़ हो सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर पश्चिमी हवाएं आमतौर पर शुष्क होती हैं और जब भी तेज़ गति से शुष्क हवा चलती हैं तब प्रदूषण साफ हो जाता है।
बारिश भी प्रदूषण को धो सकती है। दिल्ली और एनसीआर के शहरों पर बादल जैसी स्थिति दिखाई तो दे रही है लेकिन यह मृग मरीचिका की तरह हैं। यानि यह बरसने वाले बादल नहीं हैं।
2019 की दिवाली के बाद दिल्ली की हवा है काफी साफ
यह बड़ी राहत की बात है कि साल 2019 में दिवाली के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले कई सालों के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है। यानि प्रदूषण कम है। इसके पीछे की वजहों को देखें तो मुख्यतः आतिशबाजी में कमी और उत्तर पश्चिम से चल रही शुष्क हवाएं हैं। अगर दीपावली के अगले दिन पूर्वी आर्द्र हवाएं चल रही होती और आतिशबाजी अधिक होती तो वायु गुणवत्ता सूचकांक जो लगभग 400 के आसपास पहुंचा था वह निश्चित तौर पर 500 से 600 के स्तर को भी पार कर जाता जिससे दिल्ली एनसीआर में लोगों का सांस लेना दूभर हो जाता।
English Version: AQI in Delhi better than last year post Diwali, to be very poor despite improvement
फिलहाल 31 अक्टूबर तक उत्तर पश्चिमी दिशा से शुष्क हवाएं चलती रहेंगी। सुबह और शाम तथा रात के समय हवाओं की रफ्तार हल्की होगी। जबकि दोपहर के समय हवाएं तेज हो सकती हैं जिससे प्रदूषण से दोपहर में कुछ राहत मिल सकती है। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 350 के बीच रिकॉर्ड किया जाएगा जो निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
यानि प्रदूषण का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है। आपको इन हवाओं को फिल्टर करना होगा ताकि पीएम 2.5 और पीएम 10 के प्रदूषण कण आपके फेफड़ों में पहुंचकर उसे नुकसान न पहुंचाएं। इसके लिए आमतौर पर जब भी बाहर जाएँ सामान्य रूप से सूती कपड़ों से मुंह को ढँक कर आप अपनी हिफाजत कर सकते हैं।
Image credit: Daily Mail
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