तमिलनाडु पर मंडरा रहा है तूफान का खतरा, आपातकालीन तैयारियां जरूरी

November 25, 2024 5:07 PM|
तमिलनाडु में तूफान का खतरा, प्रतिकात्मक तस्वीर

पिछले कुछ दिनों से चक्रवात और उष्णकटिबंधीय तूफान का खतरा बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी (BoB) और उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के बाहरी इलाके में एक अच्छी तरह से चिन्हित कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह निम्न दबाव 4.5°N और 83.5°E के बीच स्थित है, जो चेन्नई से 800 किलोमीटर से अधिक दूर है। यह सिस्टम जल्द ही एक डिप्रेशन (अवसाद) में बदल सकता है। इसके अगले 36-48 घंटों में एक गहरे अवसाद में बदलने के आसार हैं।

मौसम प्रणाली की स्थिति: इस निम्न दबाव क्षेत्र के चारों ओर घेरने वाले बादल के गोलाकार धब्बे दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कुछ हिस्सों में ये बादल क्षेत्रीय रूप से टूटे हुए हैं। वर्टिकल विंड शियर (हवा की दिशा और गति में अंतर) मध्यम से उच्च है, जो इस प्रणाली के तेज़ी से मजबूत होने में रुकावट डाल रहा है। हालांकि, समुद्र की सतह का तापमान 29°-30°C के बीच उच्च है, जिससे इस प्रणाली को बढ़ने और अस्तित्व में बने रहने के लिए भरपूर ऊर्जा मिल रही है। वर्तमान में यह निम्न दबाव उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है, जहाँ कोरिओलिस बल (जो तूफान के तेज़ी से बनने के लिए आवश्यक है) की कमी है। जैसे-जैसे यह प्रणाली पश्चिम की ओर बढ़ेगी, भू-आकृति और उससे जुड़ी घर्षण भी इसके तेज़ी से बढ़ने में रुकावट डाल सकते हैं। इसके अलावा सूखी हवा का सम्मिलन भी मौसम प्रणाली को और तेज़ बनने से रोक रहा है।

मौसम प्रणाली कासंभावितट्रैकऔरतीव्रता:विभिन्न मौसम मॉडल्स के बीच इस मौसम प्रणाली के ट्रैक, समयसीमा और तीव्रता को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। अगले 24 घंटों में उष्णकटिबंधीय तूफान बनने की संभावना मध्यम है। 48 घंटों में इस प्रणाली के चक्रवाती तूफान बनने की भविष्यवाणी पर विश्वास कम है, क्योंकि प्रतिकूल स्थितियां मौसम प्रणाली के विकास में रुकावट डाल रही हैं। इस समय मौसम प्रणाली समुद्र तट के करीब पहुंच सकती है, लेकिन अगले 24 घंटे तक इस पर नजर रखना जरूरी होगा।

आपातकालीन तैयारियां और सावधानियाँ: चाहे यह मौसम प्रणाली तूफान बने या नहीं, लेकिन तामिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के लिए खराब मौसम की स्थिति बनी रहेगी। भारी बारिश के कारण सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है और इससे संचार और कनेक्टिविटी पर भी प्रभाव पड़ेगा, हालांकि, यह ज्यादा समय तक नहीं रहेगा। इसलिए, सभी एहतियाती उपायों को लागू करना जरूरी है, जैसे कि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना।

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