पहले के पश्चिमी विक्षोभ के अवशेष अभी भी उत्तरी पहाड़ों पर आगे बढ़ रहे हैं। पहाड़ और घाटियाँ बादलों और कोहरे से घिरी हुई हैं। सभी ऊंची चोटियाँ पहले ही बर्फ की मोटी परत से ढक चुकी हैं। आने वाले दिनों में और अधिक बर्फबारी होने की संभावना है, जिससे हिमस्खलन, भूस्खलन और बर्फीले तूफानों से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
बर्फबारी से कनेक्टिविटी प्रभावित: एक नया पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और ईरान के कुछ हिस्सों में देखा गया है। यह सक्रिय मौसम प्रणाली(पश्चिमी
विक्षोभ) कल यानी 4 जनवरी
की देर रात जम्मू-कश्मीर के बाहरी इलाकों तक पहुंचेगी। मुख्य प्रणाली और इसका प्रेरित परिसंचरण (induced circulation) 05 जनवरी 2025 को जम्मू-कश्मीर और पंजाब के मैदानी इलाकों पर होगा। जबकि उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में हल्की छिटपुट बारिश होने की संभावना है। हालांकि, 05 और 06 जनवरी को पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होने
के आसार हैं, जो प्रमुख पर्यटन स्थलों और उनकी संपर्क सड़कों को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि यहां बर्फबारी होने की संभावना है। पहाड़ों पर घूमने जाने वाले पर्यटकों को कठिन समय
का सामना करना पड़ेगा।
हिमस्खलन और सड़क अवरोधों का खतरा: नई बर्फ की परतें जमा होने से पहाड़ों से हिमस्खलन होने का खतरा बढ़ जाता है। ये बर्फ के ऊंचे ढेर तेजी और प्रचंड गति से ढलानों पर फिसल सकते हैं, जिससे रास्ते में आने वाली हर चीज को नुकसान पहुंच सकता है। मुख्य सड़कों के अवरुद्ध होने और राजमार्गों के बंद होने की संभावना है। हवाई संचालन भी बाधित हो सकता है, क्योंकि रनवे पर बर्फ जमा होने से सफाई में देरी हो सकती है। राज्य सरकारों को अपने संसाधनों का आंकलन करना चाहिए और यदि आवश्यक हो, तो पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश पर असर: कश्मीर घाटी को मौसम की गतिविधियों का सबसे अधिक प्रभाव झेलना पड़ेगा। जिससे श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम जैसे स्थानों पर रुकावटों की संभावना है। इन जगहों के रास्ते बंद बर्फबारी के कारण बंद हो सकते हैं। इसके साथ ही ऊंचाई वाले क्षेत्र इससे भी अधिक प्रभावित होंगे। हिमाचल प्रदेश में भी मौसम की स्थिति स्थिति गंभीर रहेगी। लाहौल-स्पीति में तापमान पहले ही -15°C तक गिर चुका है और रोहतांग-ला क्षेत्र में तापमान -20°C या इससे कम तक पहुंच सकता है।
मौसम में सुधार और अगली चुनौती: 07 से 09 जनवरी के बीच मौसम में सुधार की संभावना है, जिससे स्थिति सामान्य हो सकती है। हालांकि, यह राहत बहुत कम समय के लिए होगी, क्योंकि अगले सप्ताह के मध्य में एक और पश्चिमी विक्षोभ का असर हो सकता है।