कल 23 अक्टूबर को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी (BoB) में स्थित निम्न दबाव का क्षेत्र मजबूत होकर उसी क्षेत्र में अवसाद में बदल जाएगा। यहव प्रणाली वर्तमान में पारादीप (ओडिशा) से लगभग 700 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। अवसाद की स्थिति अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में है, जहां गहरे समुद्री क्षेत्र में तापीय क्षमता काफी अधिक है (100 किलोजूल प्रति वर्ग सेंटीमीटर से अधिक)। गौरतलब है, निम्न दबाव क्षेत्र के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने और कल सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। यह तूफान उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंचेगा और अगले दिन एक भीषण चक्रवाती तूफान बन सकता है।
तूफान की ताकत सीमित लेकिन गंभीर मौसम: सीमित समुद्री यात्रा के कारण मानसून के बाद के मौसम का पहला चक्रवाती तूफान तट से टकराने तक अधिक ताकतवर नहीं हो पाएगा। तूफान के ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने और 25 अक्टूबर की सुबह किसी समय तट से टकराने (लैंडफॉल) की संभावना है। फिलहाल, पुरी (ओडिशा) से लेकर डायमंड हार्बर (पश्चिम बंगाल) तक की पट्टी पर लैंडफॉल का अनुमान है। हालांकि, अगले 24 घंटे के भीतर भूस्खलन (लैंडफॉल) की सटीक जगह पता चल जाएगी। हालाँकि, उत्तरी ओडिशा और पूरे पश्चिम बंगाल के समुद्र तट पर खराब मौसम की स्थिति का खतरा बना हुआ है।
चक्रवात से निपटने के लिए तैयारी का सही समय: समुद्र में तूफान अभी लगभग 72 घंटे दूर है और किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए इस सूचना का सही तरीके से उपयोग करना आवश्यक है। जिससे किसी भी संभावित आपातकाल से निपटा जा सके। तूफान (चक्रवात) अपने ट्रैक और समयसारणी के लिए काफी कुख्यात (notorious) होते हैं। यहां तक की तूफान के बाहरी क्षेत्रों में मौसम की तीव्रता समान रूप से वितरित नहीं होती है। बता दें, समुद्री स्थिति आज से ही काफी खराब होनी शुरू हो जाएगी। प्रणाली के बाहरी बादल और तेज हवाओं का बाहरी घेरा कल 23 अक्टूबर से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय हिस्सों पर असर डालना शुरू कर देगा।
इन क्षेत्रों में खतरनाक मौसम की स्थिति: ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय और आंतरिक क्षेत्रों जैसे बारीपदा, बालासोर, जगतसिंहपुर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, पारादीप, पुरी, दीघा, कांटाई, नंदीग्राम, डायमंड हार्बर और 24 साउथ परगना में गंभीर और खतरनाक मौसम की स्थिति बनने की संभावना है। तूफान के 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक की हवाओं के साथ पहुंचने के आसार हैं। बता दें, हवाओं की स्पीड जो 120 किमी प्रति घंटे तक की गति से तेज भी हो सकती है। मूसलाधार बारिश और तेज गरजती हवाओं का यह खतरनाक मिश्रण पेड़, बिजली के खंभे, कच्चे मकान और कमजोर संरचनाओं को गिरा सकता है और छतों को उड़ाने की ताकत रखता है। जीवन और संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत होगी। वहीं, खतरे वाले इलाकों के निवासियों के लिए सुरक्षित आश्रयों में जाना एक समझदार विकल्प हो सकता है।