दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी (BOB) पर बना चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम की ओर बढ़ गया है और अब मध्य बीओबी के दक्षिणी हिस्सों पर स्थित है। इसके पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए श्रीलंका और तटीय तमिलनाडु के करीब आने की संभावना है। यह मौसम प्रणाली अगले सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण प्रायद्वीप से होते हुए तट के दूसरी ओर चली जाएगी। इस दौरान पूर्वोत्तर मानसून की सक्रियता बढ़ेगी और अगले सप्ताह के अंत तक असरदार रहेगी।
शुरुआती मौसम गतिविधियाँ (7-8 नवंबर): आज और कल (7-8 नवंबर) में इस प्रणाली के किनारे तटीय तमिलनाडु, खासकर चेन्नई में मौसम गतिविधियाँ शुरू करेंगी। 8 से 10 नवंबर के बीच बारिश का असर तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों और केरल राज्य तक पहुंचेगा। 11 से 15 नवंबर के बीच इसकी तीव्रता और क्षेत्रीय प्रसार बढ़ेगा और ये तारीखें आगे भी बढ़ सकती हैं। इस दौरान दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश भी इस गतिविधि के दायरे में आएंगे। यहां तक कि तटीय कर्नाटक में भी मानसून की बारिश के कुछ दिन देखे जा सकते हैं।
उत्तर-पूर्व मानसून में मौसमी गतिविधियों का असर: पूर्वोत्तर मानसून के मौसम में बनने वाली पूर्वी लहरें प्रणाली के पीछे भी मौसम की गतिविधियाँ छोड़ जाती हैं। इस मामले में मन्नार की खाड़ी और श्रीलंका पर बने छोटे परिसंचरण भी बंगाल की खाड़ी की इस प्रणाली का समर्थन कर रहे हैं और इसे भारतीय भूमि के करीब खींच रहे हैं। यह प्रणाली 11-12 नवंबर के बीच दक्षिण प्रायद्वीप (दक्षिण भारत) से निकलने के बाद उत्तर-पूर्वी हवाओं का प्रवाह और मजबूत होगा, जो अगले कुछ दिनों तक मौसम को सक्रिय रखेगा।
इन इलाकों में होगी बारिश: इस प्रणाली के कारण बारिश के लिए अनुकूल स्थानों में चेन्नई, पुडुचेरी, कराईकल, कुड्डालोर, मदुरै, तिरुचिरापल्ली, कोयंबटूर, तिरुवनंतपुरम, कोचीन, कोझिकोड, मैंगलोर, बेंगलुरु, मैसूर, हासन, तिरुपति, नेल्लोर और ओंगोल शामिल हैं। दक्षिण भारत के अधिकांश अन्य हिस्सों में भी अगले 10 दिनों में कम से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जो कम से कम कुछ दिनों तक जारी रहेगी।