दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में स्थित गहरा दबाव, जो कई दिनों से अनिश्चित स्थिति में था और मौसम वैज्ञानिकों को असमंजस में डाल रहा था, आखिरकार चक्रवातीय तूफान में बदल गया। यह उष्णकटिबंधीय तूफानों की सबसे कम तीव्रता वाली श्रेणी है। यह तूफान उत्तर तमिलनाडु तट के बहुत करीब है, पुडुचेरी के पूर्व में 100 किमी से भी कम दूरी पर और चेन्नई के दक्षिण-पूर्व में लगभग समान दूरी पर स्थित है।
महमल्लपुरम के पास तट से टकराव: यह चक्रवात लगभग पश्चिम की ओर बढ़ते हुए आज दोपहर बाद या शाम के शुरुआती घंटों में महमल्लपुरम के पास तमिलनाडु तट से टकरा सकता है। तट से टकराने की प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है और इसे पूरा होने में कुछ घंटे लग सकते हैं।
चेन्नई और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश: चेन्नई में पहले से ही आज भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें दर्ज की जा चुकी हैं। यह सिलसिला अगले 12 घंटे तक जारी रह सकता है। भारी बारिश का असर कडलूर, कराईकल, पुडुचेरी, महमल्लपुरम, कांचीपुरम, तांबरम और चेन्नई जैसे क्षेत्रों में भी दिखाई देगा। तेज़ हवाओं और लगातार बारिश के कारण काफी नुकसान होने की आशंका है। रेल, सड़क और हवाई यातायात भी इससे प्रभावित हो सकता है।
आंतरिक तमिलनाडु और अन्य क्षेत्रों पर प्रभाव: तट से टकराने के बाद भी यह प्रणाली तमिलनाडु के आंतरिक हिस्सों, दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और केरल में अगले 48 घंटों तक मौसम गतिविधियों को प्रभावित करती रहेगी।
3 दिसंबर के बाद ही राहत की उम्मीद: इस प्रणाली के कमजोर होने के बाद यह पश्चिम की ओर बढ़कर केरल तट के पास अरब सागर में एक निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में प्रवेश कर सकती है। व्यापक स्तर पर मौसम साफ होने की संभावना 3 दिसंबर या उसके बाद ही बन पाएगी।