दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी (बीओबी) पर गहरा दबाव श्रीलंका के त्रिंकोमाली से 100 किमी पूर्व में 8.5° उत्तर और 82.3° पूर्व के आसपास केंद्रित है। यह चेन्नई से लगभग 550 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में है। यह गहरा दबाव लगभग 10 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह श्रीलंकाई तट को पार कर रहा है लेकिन पूर्वोत्तर भागों के करीब बना हुआ है। यह मौसम प्रणाली जल्द ही किसी भी समय चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगी और आज शाम तक उत्तरी तमिलनाडु तट से कुछ दूरी पर पहुंच जाएगी। इसके बाद तूफान तट के बहुत करीब से उत्तर की ओर बढ़ेगा।
चक्रवात बनने की अनुकूल स्थिति: सैटेलाइट इमेजरी में चक्रवात के निम्न स्तर पर परिसंचरण के आसपास गहरी और घुमावदार संवहनीय पट्टियां दिखाई दे रही हैं। यह प्रणाली अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में विकसित हो रही है। ऊपरी स्तर पर अच्छी डाइवर्जेंस, समुद्र की सतह का गर्म तापमान, पर्याप्त वर्टिसिटी, और हल्की से मध्यम ऊर्ध्वाधर पवन कतरनी के साथ तूफान के विकास के लिए अनुकूल वातावरण है। अगले 12 घंटों में एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात विकसित होने की संभावना अधिक बनी हुई है। नकारात्मक पहलू तट के करीब ठंडा तापमान और भूमि प्रभाव के कारण शुष्क हवा का घुसपैठ है।
श्रीलंका और तमिलनाडु में बारिश का प्रकोप: गहरे दबाव के कारण श्रीलंका के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। जिसमें जाफना, ववुनिया, मुल्लैतिवु और बाटिकलोआ में 150-200 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यहां तक कि राजधानी कोलंबो में भी पिछले 24 घंटों में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं, तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भी भारी बारिश हुई है। जिसमें कुड्डालोर में 97 मिमी, कराईकल में 96 मिमी अतिरामपट्टिनम में 81 मिमी, परंगिपेट्टई में 68 मिमी, मीनाम्बक्कम में 60 मिमी, नुंगाम्बक्कम में 55 मिमी मध्यम वर्षा दर्ज की गई है।
चक्रवात का नाम और संभावित मार्ग: इस चक्रवात को सऊदी अरब द्वारा सुझाए गए नाम ‘Fengal’ (फेंजल) से नामित किया जाएगा। चक्रवात के दोनों ओर उच्च स्तरीय एंटी-साइक्लोन मौजूद हैं, जो इसे उत्तर दिशा में धीमी गति से बढ़ने के लिए मजबूर करेंगे। यह तट के बहुत करीब रहेगा लेकिन मुख्य भूमि से टकराने की संभावना कम है। चक्रवात 29 नवंबर की रात को पुडुचेरी-तांबरम-चेन्नई के बीच थोड़ी दूरी पर पहुंचेगा।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा पर असर: दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश का भू-आकृति अचानक उत्तर-पूर्व-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बदलता है। इसलिए, इस समय तूफ़ान के पहुँचने के समय और स्थान का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। इसके लिए 24 घंटे और निगरानी की जरूरत होगी। लेकिन, एक बात निश्चित है कि यह चक्रवात या तो आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय हिस्सों से टकरा के नुकसान पहुंचा सकता है या फिर तट के बेहद करीब होकर आगे बढ़ सकता है। ऐसे में आंध्र प्रदेश की पूरी तटरेखा और ओडिशा के दक्षिणी तटीय हिस्सों पर भारी बारिश का खतरा मंडराएगा।
इस चक्रवात का सटीक लैंडफॉल स्थान और समय का निर्धारण अगले 24 घंटों के मौसम अवलोकन के बाद ही किया जा सकेगा। तटीय क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने और मौसम से जुड़ी ताजा जानकारी पर नजर बनाए रखने की सलाह दी जाती है।