चक्रवाती तूफान बुरेवी तमिलनाडु के दक्षिणी तटों के करीब से आगे बढ़ते हुए अब कमजोर हो गया है और यह बीती रात डीप डिप्रेशन बना जबकि इस समय कमजोर होकर डिप्रेशन की क्षमता में पहुँच गया है। तमिलनाडु के पंबन से जिस समय यह सिस्टम टकराया उस दौरान यह डिप्रेशन की क्षमता में पहुँच गया था। यह इसका दूसरा लैंडफॉल था जबकि पहली बार यह सिस्टम श्रीलंका के त्रिंकोमाली से 3 दिसम्बर की सुबह में टकराया था और श्रीलंका के कई शहरों में तबाही मचाई थी। साथ ही दक्षिणी तमिलनाडु और तटीय तमिलनाडु के कई शहरों में भीषण बारिश दर्ज की गई थी।
इस तूफान के प्रभाव से 24 घंटों की अवधि में श्रीलंका के त्रिंकोमाली में 167 मिमी, जाफना में 245 मिमी और मन्नार में 190 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। दूसरी ओर कराईकल में 164 मिमी, नागपट्टिनम में 143 मिमी, कुड्डालोर में 66 मिमी, पुद्दुचेरी में 76 मिमी और चेन्नई में 46 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
जब यह सिस्टम तमिलनाडु एक दक्षिणी जिलों के करीब पहुँच, उसके बाद से नागपट्टिनम, पंबन, टोंडि, तूतीकोरिन, रामनाथपुरम, थूथूकोडी और कन्याकुमारी में भीषणों हवाओं के साथ तूफानी बारिश का दृश्य देखने को मिला। कई अंदरूनी जिलों में बारिश की गतिविधियों के साथ-साथ तेज़ हवाएँ 3 दिसम्बर से ही शुरू हुईं और आज भी जारी रहेंगी। आज से केरल में बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी क्योंकि यह सिस्टम धीरे-धीरे केरल की तरफ ही बढ़ रहा है। त्रिवेन्द्रम, अलपुझा, पुनालूर, कोची, इडुक्की, और कोट्टायम में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश एक साथ हवाओं की रफ्तार 70 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है।
इन भागों में 5 दिसम्बर तक इसी तरह से बारिश और तूफानी हवाओं के जारी रहने की आशंका है। 6 दिसम्बर से राहत की उम्मीद है। चक्रवाती तूफान के कमजोर होने के बाद डिप्रेशन बना सिस्टम 6 दिसम्बर को अरब सागर में चला जाएगा और पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए कमजोर भारत के तटों से दूर निकल जाएगा। बाद में यही सिस्टम सोमालिया की तरफ जाएगा।