बंगाल की खाड़ी अगले एक हफ्ते तक सक्रिय बेसिन बनी रहेगी। अगले सप्ताह की शुरुआत में दक्षिण बंगाल की खाड़ी में एक उष्णकटिबंधीय तूफान बनने की संभावना है। हालांकि, यह तूफान अपनी उत्पत्ति, मार्ग और तीव्रता के मामले में सामान्य से थोड़ा अलग होगा, फिर भी दक्षिण भारत के हिस्सों को अगले सप्ताह की शुरुआत में तीव्र मौसमी गतिविधियों के लिए तैयार रहना होगा। इस तूफान के बाद अरब सागर भी तूफानी गतिविधियों का अगला लक्ष्य बन सकता है।
तूफानी गतिविधि की पहली अवस्था: चक्रवाती परिसंचरण: किसी भी उष्णकटिबंधीय विक्षोभ का पहला चरण एक चक्रवाती परिसंचरण होता है और चरम दक्षिण अंडमान सागर पर पहले से ही एक व्यापक लेकिन बंद चक्रवातीय परिसंचरण बन रहा है। यह परिसंचरण असामान्य रूप से भूमध्यरेखीय क्षेत्र के करीब है, जो आम तौर पर विकास और स्थिरता के लिए अनुकूल नहीं है। हालाँकि, संख्यात्मक मौसम मॉडलों के अनुसार यह परिसंचरण न केवल बना रहेगा बल्कि मजबूत भी होगा। यह अगले 48 घंटों के भीतर निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में समुद्र की सतह पर फैल सकता है।
24 नवंबर तक डिप्रेशन बनने की संभावना: यह निम्न दबाव क्षेत्र मजबूत होकर डिप्रेशन में बदल सकता है, जो श्रीलंका के पूर्वी तट से सुरक्षित दूरी बनाए रखेगा। जैसे ही यह 24 नवंबर को डिप्रेशन बनेगा, इसका ट्रैक, तीव्रता और समयसीमा बेहतर ढंग से स्पष्ट हो जाएगी। कम अक्षांश और न्यूनतम कोरिओलिस बल के कारण यह मौसम प्रणाली(निम्न दबाव क्षेत्र) अत्यधिक तीव्र नहीं होगी। फिर भी इस सप्ताह के अंत में या अगले सप्ताह की शुरुआत में किसी भी समय यह एक गहरे अवसाद और एक उष्णकटिबंधीय तूफान में बन सकता है।
पूर्वानुमान और संभावित असर: बता दें मौसम मॉडलों का पूर्वोनुमान 4-5 दिनों के बाद कम सटीक होता है। इस प्रणाली के लिए यह चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यह विवादास्पद परिस्थितियों में विकसित हो रही है। हालांकि, यदि यह मौसम प्रणाली एक स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में उभरती है, तो पूर्वानुमान का स्तर और अधिक सटीक हो जाएगा। जलवायु के अनुसार, श्रीलंका, तमिलनाडु और केरल को इस संभावित तूफान का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।
फेंगल, इस सीजन का दूसरा तूफान: यह मानसून के बाद के मौसम का दूसरा तूफान होगा और जिसे 'फेंगल' नाम दिया गया है और इसका उच्चारण 'फेंजल' होगा। इससे पहले, इस सीज़न का पहला तूफान 'दाना' 25 अक्टूबर 2024 की सुबह धामरा बंदरगाह-ओडिशा में आया था।