राजस्थान ठंड की चपेट में, शीतलहर का असर वीकेंड तक बने रहने की संभावना
उत्तरी भारत के मैदानी हिस्सों में न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से कम चल रहा है। पहाड़ों से उतरने वाली ठंडी उत्तरी हवाएँ पंजाब और हरियाणा के मैदानी हिस्सों को प्रभावित कर रही हैं। साफ रातें रेडिएशनल कूलिंग को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे रात के तापमान में तेज गिरावट दर्ज हो रही है। पंजाब और हरियाणा के कई स्थानों पर पिछले कुछ दिनों से सिंगल डिजिट तापमान रिकॉर्ड हो रहा है। बठिंडा, फिरोजपुर, पठानकोट, हिसार, सिरसा और नारनौल में न्यूनतम तापमान 6°C से 8°C के बीच रहा, जो कुछ जगहों पर कोल्ड वेव जैसी स्थिति पैदा कर रहा है। साथ ही, राजस्थान भी व्यापक पैमाने पर कड़ाके की ठंड की चपेट में है। राज्य के पश्चिमी हिस्से की स्थिति कुछ बेहतर है, लेकिन पूर्वी राजस्थान में कई जगहों पर तापमान बहुत नीचे गिरा है।
मौसमी एंटीसाइक्लोन और ठंडी हवाओं का तेज असर
पूर्वी राजस्थान में मजबूत मौसमी एंटीसाइक्लोनिक फ्लो हावी है। पंजाब के तराई क्षेत्रों से चलने वाली तेज़ और ठंडी निचली स्तर की हवाएँ राजस्थान के भीतर तक घुस रही हैं। सीकर में न्यूनतम तापमान 5.5°C दर्ज हुआ, जो कि भोपाल के 5.2°C के बाद देश का दूसरा सबसे कम तापमान रहा। शीतलहर से प्रभावित जगहों में कोटा, सीकर, अजमेर, अलवर, जोधपुर, उदयपुर और जालोर शामिल हैं, इन सब जगह तापमान काफी गिरा है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की अनुपस्थिति से और बढ़ सकती है ठंड
अगले एक सप्ताह में पहाड़ों पर कोई वेस्टर्न डिस्टर्बेंस या नया चक्रवाती परिसंचरण नहीं बन रहा है। इसलिए उत्तरी-पश्चिमी ठंडी हवाएँ लगातार बहती रहेंगी और मौसम में खास बदलाव नहीं होगा। बादलों की अनुपस्थिति रात में गर्मी को तेजी से बाहर निकलने देती है, जिससे तापमान में काफी तेज गिरावट दर्ज होती है। नमी का स्तर भी काफी कम है, जिससे सूखी ठंड की तीव्रता बढ़ रही है। पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को इस समय भारत के सबसे अधिक ठंडे इलाकों में गिना जाता है। इन परिस्थितियों के चलते अगले 4-5 दिनों में तापमान और थोड़ा (हल्का) नीचे जा सकता है।
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