22-23 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद से उत्तरी मैदानी इलाकों में मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है। पहाड़ी क्षेत्रों में भी मौसम ज्यादातर शांत और निष्क्रिय रहा है। बर्फ से ढकी पहाड़ियों से ठंडी हवाओं के लगातार बहने से रात के तापमान में बड़ी गिरावट हुई है।पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में लगातार दूसरे दिन शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी में भी न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
शीतलहर की परिभाषा और मापदंड: मैदानी इलाकों में शीतलहर की घोषणा तब की जाती है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो, वह भी लगातार दो दिनों तक। इसके अलावा, जब मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री या उससे कम हो जाए, तब भी शीतलहर की स्थिति घोषित की जाती है। वर्तमान में, दूसरी स्थिति लागू हो रही है, क्योंकि कई जगहों पर तापमान 4 डिग्री से नीचे चला गया है।
राजस्थान और पंजाब के न्यूनतम तापमान: कल 27 जनवरी को राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का उत्तरी मैदानी इलाकों का सबसे कम तापमान है। पंजाब में कई स्थानों पर तापमान 4 से 5 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया है। जिसमें अमृतसर में 4.1°C, भटिंडा में 4°C, फिरोजपुर में 3.5°C, जालंधर में 4.1°C, पटियाला में 4.8°C, पठानकोट में 5°C तापमान रिकॉर्ड हुआ। वहीं, हरियाणा के करनाल में 4°C, नारनौल में 2.4°C न्यूनतम तापमान रहा। पूर्वी राजस्थान में भी कई जगहों पर तापमान निम्न स्तर तक पहुंच गया। सीकर में 2°C, अलवर में 3°C, चूरू में 3.9°C, पिलानी में 4.5°C तक न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। इस प्रकार उत्तर भारत के बड़े हिस्से में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है।
आने वाले पश्चिमी विक्षोभ: 29-31 जनवरी, 1-2 फरवरी और 3-5 फरवरी 2025 के बीच पश्चिमी हिमालय पर तीन पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। इनमें से आखिरी सिस्टम सबसे सक्रिय रहेगा और इसे एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण का समर्थन मिलेगा। यह पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों को एक साथ प्रभावित करेगा। वहीं, दूसरा पश्चिमी विक्षोभ मुख्य रूप से पहाड़ों को प्रभावित करेगा और इसका सीमित प्रभाव उत्तर पंजाब और तराई क्षेत्रों पर होगा। पहला सिस्टम (29-30 जनवरी) केवल पहाड़ों तक सीमित रहेगा।
तापमान और शीतलहर पर प्रभाव: पंजाब और राजस्थान में चक्रवाती परिसंचरण बनने के साथ ही हवाओं की दिशा में बदलाव होने की संभावना है। न्यूनतम तापमान कल 29 जनवरी से बढ़ना शुरू हो जाएगा और अगले सप्ताह के मध्य तक इसमें गिरावट की संभावना नहीं है। तापमान में धीरे-धीरे बढ़ेगी, जिससे अगले एक सप्ताह तक सर्दी से राहत मिल सकती है। शीतलहर की स्थिति उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों से समाप्त हो जाएगी।