ताजा पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र के करीब आने वाला है। इस प्रणाली का मुख्य हिस्सा फिलहाल उत्तरी पाकिस्तान पर है। इस प्रणाली का ऊपरी वायु ट्रफ 30°N के उत्तर में 60°E और 65°E के बीच चिह्नित है। इस प्रणाली के आगे के हिस्से से जुड़े बादल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सुदूर उत्तरी हिस्सों तक पहुंच गए हैं। आज मौसम की गतिविधियां जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊंचे इलाकों तक ही सीमित रहेंगी। जबकि गतिविधि का प्रसार इन दोनों राज्यों के लगभग सभी हिस्सों को कवर करेगा। वहीं, कल 15 नवंबर और परसों 16 नवंबर को हिमाचल प्रदेश तक भी पहुंच जाएगा।
कश्मीर व हिमाचल में बारिश और बर्फबारी: कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में 11 नवंबर को बर्फबारी हुई थी। फिर अगले दिन 12 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के कुछ ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी हुई। मौजूदा मौसम प्रणाली कमजोर है, लेकिन पिछले सिस्टम से थोड़ी मजबूत है। कश्मीर और हिमाचल के मध्य व ऊपरी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और निचले पहाड़ी इलाकों में गरज के साथ बारिश पड़ने की संभावना है। बता दें, मौसम की हलचल दोनों राज्यों कश्मीर और हिमाचल के मैदानी इलाकों तक भी पहुंच सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ के बाद तापमान कम: इस पश्चिमी विक्षोभ (मौसम प्रणाली) के गुजरने के बाद उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान में काफी गिरावट आने की संभावना है। बर्फ से ढके पहाड़ों से शुष्क और ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं ढलान से नीचे उतरकर उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों तक पहुंचेंगी, जिससे अगले हफ्ते की शुरुआत में पूरे क्षेत्र के तापमान में 3-4°C तक की गिरावट आ सकती है। पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, चंडीगढ़, करनाल और अंबाला में इस सीजन में पहली बार न्यूनतम तापमान निचले अंकों में दर्ज किया जाएगा। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी तापमान में गिरावट देखी जाएगी और 18 से 20 नवंबर 2024 के बीच न्यूनतम तापमान 15°C से कम हो सकता है।
दिल्ली में बढ़ेगी ठंड: तापमान में गिरावट, हल्की हवा और रात व सुबह के समय में उच्च आर्द्रता के कारण उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में घने कोहरे की घटनाएं बढ़ने की संभावना है। इस दौरान दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भी इसी तरह के हालात देखने को मिलेंगे। नवंबर के तीसरे हफ्ते में पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कोई नई मौसम प्रणाली आने की संभावना नहीं है, जिसके चलते पंजाब, हरियाणा, उत्तर राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मैदानी क्षेत्रों में मौसमी सूखी ठंड बढ़ने की उम्मीद है।