उत्तर भारत के मैदानी इलाके विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश ठंडे दिन की स्थिति से जूझ रहे हैं। क्योंकि दिन का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे चला गया है। इन राज्यों के कुछ हिस्सों में गंभीर शीत दिवस की स्थिति देखी जा रही है। करनाल, अंबाला, रोहतक, हिसार, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, बरेली और बहराईच में तापमान बमुश्किल दोहरे अंक में रहा। अमृतसर और गंगानगर में पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया, जहां अधिकतम तापमान क्रमश: 9.5 डिग्री और 9.6 डिग्री दर्ज किया गया।
पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों से होते हुए उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ढलानों से नीचे आ रही ठंडी हवाओं के कारण गुजर रहा है। घने से बहुत घने कोहरे के कारण धूप बहुत कम हो गई है और इसके परिणामस्वरूप लंबे समय तक आसमान में धुंध छाई रही। अगले लगभग पांच दिनों तक इन स्थितियों में बदलाव की संभावना नहीं है।
27 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ के उत्तरी पहाड़ों के पास पहुंचने की संभावना है। 29 जनवरी तक ही मौसमी सिस्टम का असर पहाड़ी इलाकों पर ज्यादा रहेगा। इसके प्रेरित परिसंचरण और मुख्य पश्चिमी विक्षोभ का संयुक्त प्रभाव 30 जनवरी से दिखाई देगा। हवा के पैटर्न में बदलाव और बादल छाए रहने से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों से शीत लहर की स्थिति में कमी आएगी। बारिश का दौर भी साथ चलने की संभावना है। मौसम की स्थिति में बदलाव से 30 जनवरी 2024 से मैदानी इलाकों में भीषण ठंड कम हो जाएगी।
फोटो क्रेडिट: इंडिया टूडे