इस साल गुजरात में मानसून ने काफी मेहरबानी की है। यहां 1 जून से 23 अगस्त के बीच कुल मिलाकर 2% अधिक वर्षा हुई है। जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में 18% अधिशेष बारिश देखी गई है। वहीं, गुजरात क्षेत्र में 9% बारिश की थोड़ी कमी बनी हुई है।
मौसम में बड़ा बदलाव संभव: हालांकि, आने वाले दिनों में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। महाराष्ट्र तट पर एक चक्रवाती परिसंचरण और गुजरात की ओर बढ़ रहे कम दबाव के क्षेत्र ने पहले ही राज्य भर में वर्षा की गतिविधियों को तेज कर दिया है। पूर्वी गुजरात के कई जिलों, जैसे अहमदाबाद में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश दर्ज की गई है।
तेज बारिश की संभावना: निम्न दबाव का क्षेत्र के ज्यादा मजबूत होकर अवसाद में बदलने की संभावना है, जिससे 24 से 27 अगस्त के बीच गुजरात के अधिकांश जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। बाढ़ और जलजमाव की अधिक संभावना है। मूसलाधार बारिश सामान्य जन जीवन को बाधित कर सकती है। हालांकि, ये बारिश जलाशयों को भरने में सहायक होगी, जिससे आने वाली कृषि गतिविधियों में लाभ होगा।
मानसून का अंतिम प्रभाव: यह मौसम प्रणाली अगस्त में गुजरात में मानसून के मौसम की आखिरी बड़ा प्रभाव हो सकती है। आमतौर पर, गुजरात से मानसून 20 सितंबर के आसपास वापस जाने लगता है और 30 सितंबर तक पूरी तरह समाप्त हो जाता है। इसलिए, मानसून के आधिकारिक रूप से समाप्त होने से पहले गुजरात में कुछ और भारी बारिश की उम्मीद की जा सकती है।
फोटो क्रेडिट: इंडिया टुडे