पिछले सप्ताह उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में मौसम पूरी तरह शांत रहा। बारिश और बर्फबारी की भारी कमी दर्ज की गई। 1 से 27 जनवरी 2025 के बीच जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 86% बर्फबारी कमी दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में 79% और उत्तराखंड में भी 85% भारी कमी रही है। अगले दो दिनों तक, विशेषकर अगले 24 घंटों में मौसम में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है।
पहाड़ों पर बदलेगा मौसम: 29 जनवरी को हल्का पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों में दस्तक देगा। इस दौरान मौसम गतिविधि सीमित रहेगी और केवल मध्य और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी या हल्की बारिश हो सकती है। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में केवल बादल छाए रहने की संभावना है।
दूसरा और अधिक प्रभावी विक्षोभ: पहले विक्षोभ के बाद, 31 जनवरी से 2 फरवरी 2025 के बीच एक और पश्चिमी विक्षोभ आएगा। यह प्रणाली पहले की तुलना में थोड़ी अधिक प्रभावी होगी। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में भी बारिश होने की संभावना है, जिससे मौसम में हलचल बढ़ेगी।
3 से 5 फरवरी भारी बारिश: एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अपने प्रेरित चक्रवात के साथ 3 से 5 फरवरी 2025 के बीच पहाड़ों पर पहुंचेगा। हालांकि, मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों के बाद कम हो जाती है, इसलिए मौसम की गतिविधि की तीव्रता और पैमाने पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। फिलहाल, ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक मजबूत प्रणाली होगी, जो अगले सप्ताह की शुरुआत में असर कर सकती है। अगर मौसम मॉडल सटीक होते हैं, तो 4 से 6 फरवरी 2025 के बीच उत्तर भारत के पहाड़ों पर व्यापक और भारी बारिश व बर्फबारी की संभावना है।
इस प्रणाली की प्रभावशीलता और मौसम पर इसके प्रभाव का समय-समय पर विश्लेषण किया जाएगा। आने वाले दिनों में मौसम में होने वाले बदलाव के लिए सतर्क रहना जरूरी है।