उत्तर पश्चिमी भारत, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम यूपी और उत्तर पश्चिमी राजस्थान का मौसम लगभग शुष्क है। मानसून की अक्षीय रेखा देश के मध्य भाग से होते हुए दिल्ली के दक्षिण में चल रही थी। उत्तरी मध्य प्रदेश पर भी कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। चूंकि ये मौसम पैरामीटर मध्य भारत के ऊपर हैं, इसलिए उत्तरी मैदानी इलाकों में मानसून कमजोर है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
अगले 24 घंटों में कम दबाव का क्षेत्र कमजोर हो जाएगा। वहीं मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर की ओर बढ़ने लगेगी। मॉनसून ट्रफ के संक्रमण चरण में, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 10 अगस्त तक हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
इसके बाद, मानसून की ट्रफ हिमालय के तराई इलाकों में शिफ्ट हो जाएगी। पूर्वी आर्द्र हवाओं की जगह शुष्क पश्चिमी हवाएं चलेंगी। और पूरे उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में एक बार फिर से शुष्क हो जाएगा। लेकिन मॉनसून की पूर्वी ट्रफ रेखा और धुरी अपनी सामान्य जगह से थोड़े दक्षिण में होगी।
इसके अलावा, बिहार और आसपास के क्षेत्र में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने की भी उम्मीद है। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के कुछ हिस्सों और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
ब्रेक मानसून की स्थिति 15 या 16 अगस्त तक जारी रहने की उम्मीद है। 10 से 15 अगस्त के बीच उत्तर पश्चिम भारत का मौसम शुष्क रहने की संभावना है। लेकिन इस अवधि के दौरान हिमालय के तराई इलाकों में मूसलाधार बारिश होगी, जिससे भूस्खलन हो सकता है। हिमाचल प्रदेश की तलहटी में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।