इस मौसम का पहला मध्यम तीव्रता वाला पश्चिमी विक्षोभ दिसंबर के पहले सप्ताह में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी लेकर आया। इस बर्फबारी ने उत्तर भारत में तापमान में भारी गिरावट ला दी है। हिमालय में बर्फबारी क्षेत्र में सर्दी की शुरुआत के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। जैसे ही यह पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ा, बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के हिस्सों में फैलने लगीं, जिससे तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई।
वर्तमान तापमान की स्थिति: फिलहाल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना के कई हिस्सों में तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है। हरियाणा के हिसार में आज, 16 दिसंबर को हड्डियां कंपा देने वाला न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा और उत्तर राजस्थान के हिस्सों में ठंड और गंभीर ठंड की स्थिति बनी हुई है, जबकि पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में ठंड का प्रकोप जारी है।
नया पश्चिमी विक्षोभ और प्रभाव: फिलहाल, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, इससे किसी महत्वपूर्ण मौसमी गतिविधि की उम्मीद नहीं है। लेकिन यह उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में चल रही ठंडी हवाओं को धीमा कर सकता है, जिससे न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि हो सकती है।
उत्तर भारत में सर्दी का आगमन: इन परिस्थितियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उत्तर भारत में सर्दी पूरी तरह से दस्तक दे चुकी है। आने वाले दिनों में ठंड की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है और यह पूर्वी भारत के हिस्सों तक भी फैल सकती है। शीतलहर की यह स्थिति खासकर उत्तर भारत के निवासियों के लिए सतर्कता बरतने की आवश्यकता को दर्शाती है।